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गडकरी की चादर पेश: 813वें उर्स में अमन, भाईचारे और तरक्की की दुआ

गडकरी की चादर पेश: 813वें उर्स में अमन, भाईचारे और तरक्की की दुआ

शोभना शर्मा। अजमेर दरगाह में आयोजित 813वें उर्स के मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की ओर से भेजी गई चादर बुधवार को पेश की गई। इस दौरान मखमली चादर और अकीदत के फूलों के साथ देश में अमन, चैन और भाईचारे की दुआ की गई।

नितिन गडकरी का संदेश और चादर पेशी:

नितिन गडकरी की चादर महाराष्ट्र बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष असलम खान लेकर अजमेर पहुंचे। दरगाह के खादिम सैयद अफशांन चिश्ती की सदारत में चादर को पेश किया गया। चादर पेशी के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का संदेश पढ़ा गया।

गडकरी ने अपने संदेश में कहा, “महान सुफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की शिक्षाएं भारत की गंगा-जमुनी तहजीब और सामाजिक सद्भाव को मजबूत बनाती हैं। उन्होंने मानवता की सेवा का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह हमेशा प्रेरणादायक रहेगा। मैं 813वें उर्स के मौके पर देश की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ करता हूं।”

अमन और भाईचारे का पैगाम:

चादर पेश करते समय खासतौर पर देश में आपसी भाईचारे और शांति की दुआ की गई। यह संदेश ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षाओं से प्रेरित है, जिन्होंने हमेशा मानवता, समरसता और सद्भाव का संदेश दिया।

गंगा-जमुनी तहजीब की झलक:

ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का दरबार सदियों से विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोगों को जोड़ने का प्रतीक रहा है। नितिन गडकरी ने अपने संदेश में इस सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भारत की एकता का प्रतीक बताया।

महाराष्ट्र बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की भूमिका:

नितिन गडकरी की चादर को लेकर आए असलम खान ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज का संदेश सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने इस दौरान अजमेर दरगाह के महत्व पर जोर देते हुए इसे समाज को जोड़ने का केंद्र बताया।

उर्स में देश-विदेश से लोग:

हर साल ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में लाखों जायरीन देश-विदेश से आते हैं। इस साल 813वें उर्स के मौके पर भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। नितिन गडकरी की चादर इस आयोजन में एक और खास पहलू जोड़ती है।

ख्वाजा गरीब नवाज का संदेश:

संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का जीवन मानवता की सेवा और सद्भाव का उदाहरण है। उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और भाईचारे को बढ़ावा दिया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं, खासकर वर्तमान समय में जब समाज को एकता और शांति की आवश्यकता है।

दुआ में मांगी गई तरक्की और खुशहाली:

चादर पेश करते समय यह दुआ मांगी गई कि देश में अमन-चैन और भाईचारा बना रहे। इसके अलावा, देश की आर्थिक और सामाजिक तरक्की के लिए भी प्रार्थना की गई।

खादिम की सदारत में पेश हुई चादर:

दरगाह के खादिम सैयद अफशांन चिश्ती ने इस मौके पर कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज का दरबार हर धर्म और मजहब के लोगों के लिए खुला है। यह जगह हमेशा से मानवता और आपसी प्रेम का प्रतीक रही है।

 

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