शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार ने होली के शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों को बड़ी राहत देते हुए प्राकृतिक गैसों की दरों में कमी की घोषणा की है। राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड (RSG) ने कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) सहित अन्य गैसों जैसे घरेलू पाइप्ड नेचुरल गैस (DPNG), व्यावसायिक पाइप्ड नेचुरल गैस (CPNG) और औद्योगिक पाइप्ड नेचुरल गैस (IPNG) की दरों में कटौती की है। इस फैसले से आम उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है।
सीएनजी के दामों में राहत
राजस्थान स्टेट गैस के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि नई दरों के अनुसार अब कोटा शहर में आम नागरिकों को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) 2.12 रुपये प्रति किलोग्राम सस्ती मिलेगी। इस कमी के बाद सीएनजी गैस का दाम 91.09 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। इससे परिवहन क्षेत्र में उपयोग होने वाली गैस पर खर्च कम होगा और वाहन चालकों को सीधी राहत मिलेगी।
पाइप्ड नेचुरल गैस में भी कमी
घरेलू पाइप्ड नेचुरल गैस (DPNG) की दरों में भी राहत दी गई है। अब DPNG की नई दर 49.35 रुपये प्रति एससीएम होगी, जो पहले से 1.25 रुपये प्रति एससीएम कम है। इसके अलावा, व्यावसायिक पाइप्ड नेचुरल गैस (CPNG) में 1.50 रुपये प्रति एससीएम की कमी करते हुए इसे 64.50 रुपये प्रति एससीएम कर दिया गया है। औद्योगिक पाइप्ड नेचुरल गैस (IPNG) की दर भी घटाकर 60.59 रुपये प्रति एससीएम कर दी गई है, जिसमें 1.41 रुपये प्रति एससीएम की राहत दी गई है।
नई दरें कब से लागू होंगी?
यह नई दरें गुरुवार, 13 मार्च की रात 12 बजे से लागू होंगी। यानी 14 मार्च की शुरुआत से ही उपभोक्ताओं को कम दाम पर गैस उपलब्ध होनी शुरू हो जाएगी। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा बजट सत्र के दौरान किया गया था, जिसे अब धरातल पर लागू किया जा रहा है।
वेट दर में भी की गई कटौती
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य विधानसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा करते हुए इस कटौती की घोषणा की थी। उन्होंने सीएनजी और पीएनजी की वेट दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य आम जनता को राहत प्रदान करना और परिवहन व औद्योगिक क्षेत्रों में खर्च को कम करना है।
सरकार का उद्देश्य और लाभ
राजस्थान सरकार का यह कदम आम नागरिकों और व्यापारियों दोनों के लिए आर्थिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। होली के मौके पर गैस की कीमतों में की गई इस कटौती से न केवल परिवहन क्षेत्र बल्कि घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा।