मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने अपने पहले कार्यकाल की वर्षगांठ पर आगामी योजनाओं और नवाचारों का खुलासा किया। उन्होंने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि विधानसभा सत्रों को अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत अब विधानसभा सत्र कम से कम 40 दिनों तक चलाने का निर्णय लिया गया है। यह कदम जनता के मुद्दों को अधिक व्यापकता से उठाने और समाधान प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है।
तीन सत्रों का प्रस्ताव:
वासुदेव देवनानी ने यह भी कहा कि नए वर्ष में राजस्थान विधानसभा के सत्रों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। अब तक जहां साल में दो सत्र आयोजित होते थे, वहीं अब तीन सत्र बुलाए जाएंगे। इन सत्रों का मुख्य उद्देश्य राज्य के विकास, विधायकों के सवालों और बजट पर विस्तृत चर्चा सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि आगामी बजट सत्र जनवरी के तीसरे सप्ताह में शुरू होगा और यह सत्र जनवरी के आखिरी सप्ताह तक चलने की संभावना है।
कार्यवाही में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना
अफसरों की जवाबदेही:
विधानसभा में पूछे जाने वाले सवालों का समय पर उत्तर न मिलने पर चिंता व्यक्त करते हुए देवनानी ने कहा कि अब इस प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई विधायकों के सवालों के जवाब समय पर नहीं भेजे जाते, जिससे विधानसभा की कार्यवाही पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसे सुधारने के लिए मुख्य सचिव को विधानसभा में तालाब किया जाएगा और अफसरों को विधायकों के सवालों के उत्तर समय पर देने के लिए पाबंद किया जाएगा। देवनानी ने बताया कि बजट सत्र के दौरान अब तक केवल 60-70 प्रतिशत सवालों के जवाब ही मिले हैं, जो एक गंभीर समस्या है।
गुलाबी रंग में दिखेगी राजस्थान विधानसभा
विधानसभा भवन का नया स्वरूप:
राजस्थान विधानसभा भवन का आंतरिक स्वरूप अब गुलाबी रंग में नजर आएगा। देवनानी ने बताया कि यह बदलाव भवन को और आकर्षक बनाने के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही विधानसभा की पूरी कार्यवाही को पेपरलेस बनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। हर सीट पर टैबलेट लगाए गए हैं, और विधानसभा का नया सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिससे पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो सकेगी। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और कार्यवाही में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कांस्टीट्यूशन क्लब का उद्घाटन
80 करोड़ की लागत से तैयार कांस्टीट्यूशन क्लब:
वासुदेव देवनानी ने यह भी घोषणा की कि विधानसभा परिसर में 80 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए कांस्टीट्यूशन क्लब का उद्घाटन जनवरी के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। यह क्लब विधायकों के विचार-विमर्श, चर्चा और अध्ययन के लिए एक अनूठा स्थान होगा।
सर्वदलीय बैठक का आयोजन
सर्वदलीय बैठकें अनिवार्य:
अब हर सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी, ताकि सभी दलों के नेताओं के साथ सत्र के एजेंडे पर चर्चा की जा सके। यह कदम विधानसभा की कार्यवाही को सुचारु और प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है।