मनीषा शर्मा। राजस्थान में ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती में महिलाओं को 50% आरक्षण देने के फैसले के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध शुरू हो गया है। गुरुवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में युवा प्रदर्शन करने पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने शहीद स्मारक में ही बंद कर दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की पुलिस से बहस हो गई और राजस्थान युवा शक्ति एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज मीणा को हिरासत में लिया गया।
मनोज मीणा ने कहा कि राजस्थान की भजनलाल सरकार ने लोकसभा चुनाव में केवल 11 सीटें जीती थीं। अगर यह बिल लागू किया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को केवल 11 सीटें ही मिलेंगी। उन्होंने इस बिल को पुरुष विरोधी करार दिया।
प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती तो वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे। उनका मानना है कि यह पुरुष विरोधी फैसला है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि राजस्थान में पहले से ही महिलाओं को ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती में 30% आरक्षण दिया जा रहा था, जिसे अब बढ़ाकर 50% कर दिया गया है। इससे पुरुष अभ्यर्थियों के चयन की संभावना कम हो रही है, इसलिए सरकार को इस नियम पर पुनर्विचार करना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर सरकार इस नियम को लागू करना चाहती है, तो पहले इसे मंत्रिमंडल में लागू करे, जहां पर सिर्फ दो महिलाओं को ही जगह दी गई है। इसके बाद सभी प्रशासनिक पदों पर इस नियम को लागू किया जाए और फिर ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती में लाया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो वे सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं और मौके पर वॉटर गन भी मंगवाई गई है। वहीं, प्रदर्शनकारी पैदल मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसमें ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण 30% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है। इस फैसले से महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलने की संभावना है और सरकार का कहना है कि इससे वे आत्मनिर्भर होकर सशक्त बन सकेंगी।