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सम्मेद शिखर तीर्थ यात्रा को पंजाब राज्यपाल कटारिया ने हरी झंडी दिखाई

सम्मेद शिखर तीर्थ यात्रा को पंजाब राज्यपाल कटारिया ने हरी झंडी दिखाई

शोभना शर्मा। रविवार को उदयपुर के राणा प्रताप रेलवे स्टेशन से 1151 यात्रियों के साथ सम्मेद शिखर तीर्थ यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस 12 दिवसीय यात्रा को पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा में 20 कोच वाली विशेष ट्रेन के माध्यम से जैन धर्म के पवित्र तीर्थ स्थलों का दर्शन कराया जाएगा। इस यात्रा का आयोजन जैन सोशल ग्रुप इंटरनेशनल मेवाड़-मारवाड़ रीजन, उदयपुर द्वारा किया गया है।

राज्यपाल ने किया यात्रा का शुभारंभ

दोपहर 2:15 बजे, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने तीर्थ यात्रा को रवाना किया। इस मौके पर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा और शहर विधायक ताराचंद जैन भी उपस्थित रहे। राज्यपाल कटारिया ने यात्रियों को शुभकामनाएं दीं और सुरक्षित एवं सफल यात्रा की कामना की। यात्रा की शुरुआत के समय प्लेटफार्म पर भारी भीड़ जमा थी, जहां यात्रियों को माला और उपरणा पहनाकर सम्मानित किया गया। जयकारों के साथ यात्रा का शुभारंभ हुआ, जिसे यात्रियों के परिवारजनों ने भावुक विदाई दी।

तीर्थ स्थलों का भ्रमण

इस यात्रा के दौरान विशेष ट्रेन कई पवित्र तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराएगी। यात्रा का मार्ग उदयपुर से शुरू होकर हस्तिनापुर, अयोध्या, काशी, पावापुरी, लछुवाड़, राजगीरी, विरायतन, रिजुबलिका महातीर्थ होते हुए सम्मेद शिखर जी तक जाएगा। इस यात्रा में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के दर्शन के साथ-साथ श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया जाएगा।

यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं

यात्रा में शामिल सभी 1151 यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं दी गई हैं। प्रत्येक यात्री को ओढ़ने के लिए कंबल, एक बड़ा बैग, एक छोटा बैग, तकिया, दिशा-निर्देश बुक, टोपी और अन्य आवश्यक सामग्री दी गई है। 11 डॉक्टरों की टीम को यात्रियों के स्वास्थ्य की देखरेख के लिए साथ भेजा गया है, जिससे किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके। यात्रा संघ ने यात्रियों की सुविधा के लिए प्रतिदिन तीन बोतल पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है।

भोजन और अन्य व्यवस्थाएं

यात्रा के दौरान यात्रियों को समय-समय पर नाश्ता, दोपहर और शाम का भोजन प्रदान किया जाएगा। ट्रेन के 20 कोचों में से एक कोच पेंट्री के लिए, एक गार्ड के लिए और एक जनरेटर के लिए आरक्षित है। भोजन की व्यवस्था सूरत के प्रसिद्ध कैटरर्स जब्बर भाई पालीवाल द्वारा की जा रही है, जबकि यात्रा का प्रबंधन मुंबई की कुलीन कुमार एंड कंपनी कर रही है।

यात्रा की प्रमुख विशेषताएं

यह तीर्थ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का भी अवसर प्रदान करती है। यात्रियों के लिए विशेष किट, चिकित्सा सहायता, भोजन और जल की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी यात्रा सुरक्षित और आरामदायक हो सके। 12 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा का समापन 24 अक्टूबर को उदयपुर में होगा।

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