मनीषा शर्मा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई विदेशों में करोड़ों रुपये के फंड ट्रांसफर से जुड़े एक बड़े मामले को लेकर की गई। बताया जा रहा है कि इस छापेमारी का आधार कस्टम विभाग द्वारा दर्ज एक मामला है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध लेन-देन किए जाने की बात सामने आई थी। सूत्रों के अनुसार, यह केस मुंबई में दर्ज किया गया था और इसमें हवाला नेटवर्क के जरिए विदेशों में भारी मात्रा में पैसे भेजने की जांच चल रही थी। इस मामले में कई बेनामी कंपनियों का नाम सामने आया है, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध फंड ट्रांसफर कर रही थीं।
सुबह 6 बजे चार राज्यों में एक साथ छापेमारी
ईडी की टीमों ने शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में एक साथ रेड डाली। राजस्थान में जयपुर, अजमेर और उदयपुर में छापेमारी की गई, जबकि नोएडा, मुंबई और सूरत में भी ईडी की टीमें पहुंचीं। राजस्थान में जयपुर में 3 स्थानों, अजमेर में 2 स्थानों और उदयपुर में 2 स्थानों पर छापेमारी की गई। इसी तरह नोएडा में 1, मुंबई में 2 और सूरत में 1 जगह पर ईडी ने कार्रवाई की।
जयपुर के बिजनेसमैन का नाम आया सामने
इस पूरे मामले में जयपुर के एक बड़े बिजनेसमैन का नाम भी सामने आया है। यह बिजनेसमैन भारत में रहते हुए हॉन्गकॉन्ग से अपना नेटवर्क संचालित कर रहा था। शक है कि विदेशों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर करने में उसकी अहम भूमिका रही है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान कई डिजिटल सबूत और दस्तावेज मिले हैं, जिनसे इस मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट के और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
PMLA कानून के तहत कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत यह कार्रवाई की है। इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और कुछ आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं। सूत्रों का कहना है कि इस छापेमारी से मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है। फर्जी दस्तावेजों के सहारे अवैध लेन-देन करने वाली कई कंपनियों की जानकारी मिलने की भी संभावना जताई जा रही है।
कैसे होता था मनी लॉन्ड्रिंग का खेल?
आरोपियों ने बेनामी कंपनियां बनाकर अवैध फंड ट्रांसफर करने का नेटवर्क तैयार किया था।
हवाला नेटवर्क के जरिए विदेशों में करोड़ों रुपये भेजे गए।
इन फर्जी कंपनियों के जरिए पैसे को लीगल ट्रांजेक्शन दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए।
शक है कि इस रैकेट के तार हॉन्गकॉन्ग, दुबई और अन्य विदेशी ठिकानों से जुड़े हो सकते हैं।
ED के निशाने पर और भी कई कंपनियां
सूत्रों का कहना है कि ईडी को इस कार्रवाई में कई नए सुराग मिले हैं और आने वाले दिनों में और भी छापेमारी हो सकती है। इस जांच के दायरे में कई अन्य बिजनेसमैन, कंपनियां और बैंक ट्रांजेक्शन आ सकते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के इस बड़े खेल में कौन-कौन शामिल हैं, इसका खुलासा ईडी की आगे की जांच में हो सकता है।