शोभना शर्मा। राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की सख्त कार्रवाई के तहत आज एक और महत्वपूर्ण गिरफ्तारी हुई है। राजस्थान आवासन मंडल (हाउसिंग बोर्ड) जयपुर में तैनात जेएलओ प्रशांत गुप्ता को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी एसीबी की भरतपुर चौकी की टीम ने की, जिसने एक शिकायत के बाद कार्रवाई की।
जेएलओ प्रशांत गुप्ता ने आवास आवंटन से संबंधित कार्यों के लिए एक परिवार से ढाई लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी, लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा पैसों का भुगतान न करने पर आरोपी अधिकारी ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। पीड़ित ने इस अत्याचार से तंग आकर एसीबी को सूचना दी, जिसके बाद एसीबी ने जाल बिछाकर आरोपी को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
किस तरह की थी रिश्वत की मांग
यह मामला एक विशिष्ठ पंजीकरण योजना 2003 के तहत आवास आवंटन से जुड़ा हुआ था। इस योजना के तहत इंदिरा गांधी नगर जगतपुरा में एक आवास की मंजूरी मिली थी, जो पहले शिकायतकर्ता के पिता के नाम था। उनके निधन के बाद इस आवास का स्थानान्तरण शिकायतकर्ता के नाम किया गया।
आवासन मंडल के जेएलओ प्रशांत गुप्ता ने इस आवास का मांग पत्र जारी करने के बदले में ढाई लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। जब शिकायतकर्ता ने पैसों की कमी होने का हवाला दिया, तो आरोपी ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया और उससे रिश्वत के पैसों की मांग बढ़ा दी।
इस दौरान आरोपी अधिकारी ने लगातार शिकायतकर्ता को गलत व्यवहार और धमकियों का सामना कराया। परेशान होकर शिकायतकर्ता ने अंततः राजस्थान एसीबी को इसकी जानकारी दी। एसीबी ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू की और शिकायत की सत्यता पाई।
एसीबी की कार्रवाई और सचिव की भूमिका की जांच
राजस्थान एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि भरतपुर चौकी की टीम ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई एसीबी द्वारा की गई निश्चित और व्यापक जांच का परिणाम है।
एसीबी को जांच के दौरान यह सूचना मिली थी कि आरोपी जेएलओ प्रशांत गुप्ता राजस्थान आवासन मंडल के सचिव अनिल पालीवाल के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा था। इस सूचना के बाद एसीबी ने सचिव अनिल पालीवाल की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। सचिव के नाम पर रिश्वत की मांग के चलते सचिव की भूमिका पर शक जताया जा रहा है, और एसीबी की टीम इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
राजस्थान एसीबी की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
राजस्थान एसीबी ने हाल के दिनों में कई भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में सख्त कदम उठाए हैं। हाउसिंग बोर्ड के इस मामले की गिरफ्तारी भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एसीबी की लगातार कार्रवाई ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश दिया है कि अब किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजस्थान के एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी का लक्ष्य भ्रष्टाचार के मामलों में सार्वजनिक हित की रक्षा करना और दोषियों को कानून के शिकंजे में लाना है। उन्होंने आगे कहा कि एसीबी की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में अहम साबित होगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अधिकारी जनहित की दिशा में काम करें, न कि निजी फायदे के लिए।