मनीषा शर्मा। राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर आगामी उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर 2024 को होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के साथ की जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग ने इन उपचुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की, जिसमें झुंझुनूं, रामगढ़ (अलवर), दौसा, देवली-उनियारा (टोंक), खींवसर (नागौर), सलूम्बर (उदयपुर), और चौरासी (डूंगरपुर) में चुनाव होंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने राज्य के राजनीतिक दलों को चुनावी नियम और आदर्श आचार संहिता के पालन की जानकारी दी। उपचुनाव की घोषणा के साथ ही संबंधित क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। खासकर, दौसा और डूंगरपुर के पूरे जिले में तथा अन्य जिलों के नवीन पुनर्गठित क्षेत्रों में आचार संहिता का पालन किया जाएगा।
नामांकन प्रक्रिया
उपचुनाव के लिए अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी होगी, और उसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी, जो 25 अक्टूबर तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी, जबकि नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर तय की गई है। चुनाव आयोग के नियमानुसार, सभी उम्मीदवारों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि का विवरण मीडिया में कम से कम तीन बार प्रकाशित करना होगा।
19.36 लाख मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग
इन 7 विधानसभा सीटों पर कुल 19,36,533 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 1,862 मुख्य मतदान केंद्रों और 53 सहायक मतदान केंद्रों की स्थापना की जाएगी। निर्वाचन विभाग ने अधिकाधिक मतदान के लिए मतदाता जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसके तहत, नए मतदाताओं को ईवीएम की जानकारी देने और मतदान प्रक्रिया को समझाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
सी-विजिल एप के जरिए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर
निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में सी-विजिल एप के माध्यम से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें दर्ज करने की जानकारी दी। इस एप के जरिए नागरिक किसी भी प्रकार के चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की जानकारी सीधे आयोग तक पहुंचा सकते हैं। इसके साथ ही, 40% से अधिक दिव्यांग और 85 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं के लिए होम वोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
सुरक्षा एवं पारदर्शिता पर जोर
निर्वाचन विभाग ने सभी राजनीतिक दलों से शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। ईवीएम की मॉक पोल प्रक्रिया के लिए पोलिंग एजेंटों को मतदान शुरू होने से 90 मिनट पूर्व मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मीडिया प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, ताकि चुनावी विज्ञापनों पर नजर रखी जा सके और फर्जी सूचनाओं पर रोक लगाई जा सके।
मीडिया और जागरूकता अभियान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया से आग्रह किया कि वे निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया को निर्भीक और धनबल के प्रभाव से मुक्त बनाने में सहयोग करें। इस उपचुनाव में मतदान बढ़ाने के लिए स्वीप (सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) कार्यक्रमों के तहत जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।