मनीषा शर्मा। राजस्थान कांग्रेस ने आगामी विधानसभा उपचुनाव में सातों सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस ने सातों सीटों पर उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर लिया है और किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। यह फैसला कांग्रेस की प्रदेश कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में लिया गया, जिसमें प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।
डोटासरा ने कहा, “हमने सभी सात सीटों पर उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर लिया है और उसे हाईकमान को भेज दिया गया है। अब, हाईकमान अगर गठबंधन के लिए कोई निर्देश देता है तो हम उसका पालन करेंगे, लेकिन हमारा मत है कि कांग्रेस सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।”
गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। चर्चा के दौरान यह साफ किया गया कि कांग्रेस को अब तक किसी पार्टी ने गठबंधन के लिए संपर्क नहीं किया है, और न ही कांग्रेस ने किसी पार्टी से गठबंधन की बात की है।
हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) से गठबंधन के सवाल पर डोटासरा ने स्पष्ट किया कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से न तो कोई बातचीत हुई है और न ही आरएलपी से कोई संपर्क किया गया है। उन्होंने कहा, “जो गठबंधन की बातें हैं, वे दिल्ली में हो सकती हैं, लेकिन राजस्थान में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।”
सुखजिंदर सिंह रंधावा का बयान
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी इस बात को पुष्ट किया कि कांग्रेस सातों सीटों पर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा, “राजस्थान कांग्रेस ने सभी सात सीटों पर पैनल तैयार कर लिया है और चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। अगर कोई गठबंधन पर बात करनी है तो दिल्ली में चर्चा होगी, लेकिन फिलहाल हम अपने उम्मीदवारों के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे।”
भारत आदिवासी पार्टी और आरएलपी के साथ गठबंधन की संभावनाएं खत्म
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP), भारत आदिवासी पार्टी (BAP), और सीपीएम के साथ गठबंधन किया था। आरएलपी के लिए नागौर सीट और सीपीएम के लिए सीकर सीट छोड़ी गई थी। लेकिन इस बार आरएलपी से गठबंधन के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं, खासकर डोटासरा के बयान के बाद जिसमें उन्होंने साफ किया कि कोई भी पार्टी से बातचीत नहीं हो रही है।
भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने सलूंबर और चौरासी सीटों पर पहले ही अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि इन सीटों पर कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। अब फैसला कांग्रेस हाईकमान के हाथ में है, लेकिन राजस्थान कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, विशेष रूप से डोटासरा, बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं।
चुनावी रणनीति और उम्मीदवार पैनल
राजस्थान कांग्रेस ने सभी सात विधानसभा सीटों के लिए पैनल तैयार कर लिया है। यह पैनल प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा को सौंपा गया है, जो इसे कांग्रेस हाईकमान के पास भेजेंगे। इन पैनलों पर हाईकमान के साथ चर्चा के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। डोटासरा ने कहा, “हमने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा कर ली है, और जल्द ही उनकी घोषणा हो जाएगी। हमारी तैयारियां पूरी हैं और हम अकेले ही चुनाव लड़ने को तैयार हैं।”
गठबंधन न होने का प्रभाव
राजस्थान कांग्रेस का यह फैसला, बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ने का, राजस्थान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। कांग्रेस के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी अपनी मजबूत पकड़ और जनाधार पर भरोसा कर रही है। कांग्रेस का यह कदम विधानसभा उपचुनाव में मुकाबले को और रोचक बना सकता है, क्योंकि इसके मुकाबले अब अन्य विपक्षी दलों को अकेले ही चुनावी मैदान में उतरना पड़ेगा।