मनीषा शर्मा। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने ग्रामीण किसानों के लिए “राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना” शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के गोपालक किसान परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने पशुधन के बेहतर देखभाल और कृषि संबंधित गतिविधियों में सफल हो सकें। योजना के तहत किसानों को एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष की होगी।
योजना का उद्देश्य
गोपालक किसान परिवारों को अक्सर गाय, भैंस के लिए शेड, खेली निर्माण और चारा-बांट सहित आवश्यक उपकरण खरीदने में पैसों की कमी का सामना करना पड़ता है। इस कारण वे गोपालन से मिलने वाले पूरे लाभ को प्राप्त नहीं कर पाते। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने किसानों को ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। ऋण का समय पर भुगतान करने पर किसानों को किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा।
ऋण वितरण प्रक्रिया
योजना के तहत ऋण वितरण को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए आवेदन और स्वीकृति की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन रखा गया है। इससे किसानों को आवेदन करने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य होना आवश्यक है।
आवेदन प्रक्रिया
किसान ई-मित्र और संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति के माध्यम से इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों में दुग्ध संघ और केंद्रीय सहकारी बैंकों के संयुक्त तत्वावधान में विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक गोपालक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
योजना का लक्ष्य
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत 5 लाख गोपालक किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जाए। इससे न केवल गोपालक किसान अपने पशुधन का सही से पालन कर सकेंगे, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
राजस्थान सरकार की “सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना” राज्य के गोपालक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी और उनके पशुधन के रखरखाव में मदद करेगी। इसके साथ ही, यह योजना पशुपालन को बढ़ावा देकर राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहायक साबित होगी।