मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने 16वें वित्त आयोग के सामने टैक्स हिस्सेदारी को 41% से बढ़ाकर 50% करने की मांग की है। बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, और अन्य मंत्रिमंडल सदस्य उपस्थित थे। राज्य सरकार ने राजस्थान की भौगोलिक विशेषताओं और वित्तीय चुनौतियों का हवाला देते हुए इस बढ़ोतरी की आवश्यकता पर बल दिया।
राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां का दो तिहाई हिस्सा रेगिस्तान है और वेस्ट लैंड का 21% हिस्सा है। राज्य में 1071 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा और कम जनसंख्या घनत्व है, जिससे बुनियादी सुविधाओं पर खर्च अधिक होता है। राज्य की 75% आबादी गांवों में रहती है और 21% आबादी एससी-एसटी समुदाय की है।
आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगड़िया ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही व्यक्तिगत लाभ की कैश स्कीम्स से वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की योजनाओं का वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव आयोग की सिफारिशों में विचाराधीन रहेगा। राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर आयोग ने अभी कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया है। आयोग देश के अन्य 24 राज्यों का दौरा कर उनकी वित्तीय स्थिति का भी आकलन करेगा।