मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। जैसे ही राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने अपना अभिभाषण शुरू किया, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा बीच में ही बोलने लगे। इसके बाद राज्यपाल ने तीखे अंदाज में जवाब दिया, जो हाल के वर्षों में पहली बार देखने को मिला।
अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने पिछली कांग्रेस सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने “जल जीवन मिशन घोटाले” का जिक्र करते हुए कहा कि इससे राजस्थान की साख को नुकसान पहुंचा है। साथ ही, ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) योजना में देरी के लिए भी उन्होंने पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
इसके बाद सदन में कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर के निलंबन को समाप्त करने की घोषणा की गई। इस फैसले के साथ ही सदन में कुछ देर के लिए शांति बनी रही, लेकिन राज्यपाल और डोटासरा के बीच तीखी नोक-झोंक दिनभर चर्चा का विषय बनी रही।
राज्यपाल और डोटासरा की नोक-झोंक कैसे शुरू हुई?
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने बाड़मेर जिले के तामलोर गांव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घरों में नल का जल उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि गांव में उन्होंने एक नल खोलकर देखा तो पानी आ रहा था, और जब उन्होंने वहां के लोगों से पूछा तो पता चला कि यह सरदार सरोवर से 800 किलोमीटर दूर से लाया गया पानी है।
डोटासरा ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार बैठकें नहीं कर रही, इसलिए राज्यपाल को जिलों में जाकर बैठकें करनी पड़ रही हैं।
इस पर राज्यपाल ने जवाब देते हुए कहा:
“जनजातीय हितों से जुड़ी समितियां मेरे अधीन आती हैं, और उनकी बैठकें करना मेरी जिम्मेदारी है। मैं हर जिले में जाऊंगा और वहां बैठकर बैठकें करूंगा।”
इस नोक-झोंक के बाद सदन का माहौल गरमा गया। यह पहला मौका था जब राज्यपाल ने सीधे किसी विधायक को जवाब दिया।
स्पीकर बोले- “विधानसभा से अपशकुन दूर करने के लिए वास्तुशास्त्र का सहारा लिया गया”
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन में एक अनोखी बात कही। उन्होंने बताया कि राज्य विधानसभा से जुड़े कुछ अपशकुन को दूर करने के लिए वास्तुविदों की सलाह ली गई है।
स्पीकर के मुताबिक,
“हमने कुछ वास्तुविदों से सुझाव लिए और उनमें से कुछ को लागू किया गया है। हमारी कोशिश है कि आने वाले 4 वर्षों तक विधानसभा में 200 के 200 सदस्य बने रहें।”विधानसभा भवन में किए गए कुछ बदलाव:
- विधायकों के प्रवेश द्वार बदले गए
- सदन के दक्षिणी कोने में एक टेंट लगाया गया
- अन्य छोटे-मोटे बदलाव भी किए गए हैं
यह पहली बार नहीं है जब किसी सरकारी संस्थान में वास्तुशास्त्र के आधार पर बदलाव किए गए हैं, लेकिन विधानसभा स्तर पर ऐसा निर्णय चर्चा का विषय बन गया है।
कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन खत्म
पिछले साल कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन शुक्रवार को उनका निलंबन समाप्त कर दिया गया।
सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने सदन में प्रस्ताव रखा, जिसे स्पीकर ने मंजूरी दे दी।
स्पीकर देवनानी ने कहा:
“उस दिन जो घटना घटी, उससे मुझे भी पीड़ा हुई थी। पक्ष और विपक्ष को मिलकर सदन को मर्यादित ढंग से चलाना चाहिए।”इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने इस फैसले का स्वागत किया।
राज्यपाल बोले- “इस सरकार में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ”
राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए पेपर लीक घोटालों पर भी राज्यपाल ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “नई सरकार में अब तक एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है।”
राज्यपाल ने कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “इससे पहले परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक की घटनाएं आम हो गई थीं, लेकिन अब इस पर सख्ती से रोक लगा दी गई है।”
इसके अलावा, राज्यपाल ने अपने 1 घंटे 26 मिनट लंबे अभिभाषण में यह भी कहा कि सरकार ईमानदारी और पारदर्शिता से काम कर रही है।
कांग्रेस ने हंगामा नहीं किया, सदन स्थगित
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस ने हंगामा नहीं करने का फैसला लिया था, इसलिए सदन में अपेक्षाकृत शांति रही।
अभिभाषण के बाद:
- सदन में विधेयकों का ब्यौरा पेश किया गया
- तीन अध्यादेशों को सदन में रखा गया
- दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई
इसके बाद, विधानसभा की कार्यवाही 3 फरवरी तक स्थगित कर दी गई।