मनीषा शर्मा। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियाँ तेज हैं और इस बीच कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री रघु शर्मा और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के विवादित बयानों ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। रघु शर्मा ने टोंक देवली में एक जनसभा में बयान दिया कि 13 नवंबर को चुनाव के बाद बीजेपी राज्य में “कत्लेआम” करने वाली है। वहीं, निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा ने एक महिला कर्मचारी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उसे सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया और सांसद हरीश चंद्र मीणा पर भी गंभीर आरोप लगाए।
रघु शर्मा का विवादित बयान: “13 नवंबर के बाद बीजेपी करेगी कत्लेआम”
बुधवार को टोंक जिले के देवली में कांग्रेस प्रत्याशी कस्तूर चंद मीणा के समर्थन में आयोजित सभा में पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के बाद बीजेपी “कत्लेआम” करने वाली है। उन्होंने बीजेपी की नई जिलों की योजना पर भी सवाल उठाए और इसे राजस्थान की जनता के खिलाफ साजिश करार दिया। रघु शर्मा का कहना है कि बीजेपी विकास कार्यों में लकीरें मिटाने का प्रयास कर रही है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस बयान पर बीजेपी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और रघु शर्मा के बयान की निंदा करते हुए निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। बीजेपी के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक योगेंद्र सिंह तंवर ने निर्वाचन आयोग से इस बयान की जांच की मांग की है और इसे भड़काऊ बताया है।
शत्रुघ्न गौतम का पलटवार: “रघु शर्मा ने कोरोना काल में किया था कत्लेआम”
रघु शर्मा के इस बयान पर बीजेपी विधायक शत्रुघ्न गौतम ने पलटवार किया और कहा कि यह बयान रघु शर्मा का व्यक्तिगत हो सकता है। उन्होंने कोरोना काल के दौरान रघु शर्मा के कार्यकाल को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि उस वक्त राजस्थान की जनता को असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ी थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रघु शर्मा के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई थीं और उनकी नाकामियों की वजह से जनता को बड़ी संख्या में जान गंवानी पड़ी थी।
निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा का विवादित बयान
इस चुनावी दौर में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी विवादों में आ गए हैं। गुरुवार को देवली के दांता सावतगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान नरेश मीणा ने एक महिला कर्मचारी पर अभद्र टिप्पणी की, जिसने कथित रूप से उनके कुछ पोस्टर हटा दिए थे। नरेश मीणा ने इस घटना का जिक्र करते हुए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और अपने समर्थकों से कहा कि उनके बीच एक “मर्द” खड़ा है और उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है।
इसके अलावा, नरेश मीणा ने सांसद हरीश चंद्र मीणा पर भी निशाना साधा और उन्हें भ्रष्टाचारी और समाज को बांटने वाला बताया। नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि हरीश मीणा समाज में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं और चुनाव में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भाजपा नेता सुखबीर सिंह जौनपुरिया का जवाब
नरेश मीणा के बयान पर भाजपा नेता सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि एक महिला कर्मचारी के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल अनुचित है। उन्होंने कहा कि यदि महिला कर्मचारी ने पोस्टर हटाया है तो इसका कारण जानना चाहिए, न कि अभद्र टिप्पणी करना। उन्होंने नरेश मीणा की प्रवृत्ति को गलत बताया और उनकी भाषा की निंदा की।
कांग्रेस ने नरेश मीणा को किया निलंबित
नरेश मीणा द्वारा विवादित बयानों के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा द्वारा जारी किए गए आदेश में इस निलंबन की घोषणा की गई। हालांकि, नरेश मीणा की निलंबन की सिफारिश स्थानीय कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने नहीं की थी, फिर भी पार्टी ने इस कार्रवाई को उचित समझा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद बैरवा ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने यह निर्णय लिया है और नरेश मीणा को निलंबित करने का आदेश उन्हें मिल चुका है।
राजनीतिक माहौल में तनाव और आरोप-प्रत्यारोप
राजस्थान में इस समय चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियाँ एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं। जहां रघु शर्मा और नरेश मीणा के बयानों ने राजनीति में गर्मी ला दी है, वहीं बीजेपी ने इन बयानों का कड़ा विरोध किया है और चुनाव आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी अपने नेताओं को नियंत्रित करने का संकेत दिया है और नरेश मीणा जैसे नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले यह विवाद राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। रघु शर्मा का बयान और नरेश मीणा की टिप्पणी ने जनता के बीच गर्मजोशी ला दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और संबंधित पार्टियाँ इस मुद्दे को किस प्रकार संभालती हैं और इन बयानों का आने वाले चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।