शोभना शर्मा। राजस्थान के उत्पाद, जो अपनी विशिष्टता और गुणवत्ता के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं, अब वैश्विक स्तर पर नई पहचान बनाने के लिए तैयार हैं। भजनलाल सरकार 9 से 11 नवंबर को जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेश करने की योजना पर काम कर रही है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना है, बल्कि राजस्थान के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाना भी है।
‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ का महत्व
भजनलाल सरकार की यह योजना प्रदेश के हर जिले के अनोखे और प्रसिद्ध उत्पादों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। चाहे वह बीकानेर की भुजिया हो, दौसा की दरी, गंगापुर का खीर मोहन या राजस्थान के मार्बल और ग्रेनाइट, हर उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रमोट किया जाएगा। समिट में इन उत्पादों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशक और खरीदार इन उत्पादों की ओर आकर्षित हो सकें।
बीकानेर की भुजिया से लेकर मार्बल तक का होगा प्रमोशन
राजस्थान के उत्पाद अपनी गुणवत्ता और अनोखी पहचान के लिए जाने जाते हैं। बीकानेर की भुजिया अपनी स्वादिष्टता के लिए मशहूर है, जबकि दौसा की दरी और गंगापुर का खीर मोहन पारंपरिक हस्तशिल्प और मिठाइयों का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इसके साथ ही राजस्थान का मार्बल और ग्रेनाइट अपनी मजबूती और सुंदरता के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। भजनलाल सरकार की योजना है कि इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश कर उनकी मांग बढ़ाई जाए।
उद्यमियों को मिलेगा सरकार का सहयोग
सरकार ने इस समिट में स्थानीय कारोबारियों और उद्यमियों को विशेष सुविधाएं प्रदान करने का निर्णय लिया है। अगर कोई कारोबारी अपने उत्पादों को प्रदर्शनी में शामिल करता है, तो सरकार प्रदर्शनी के स्टॉल का 75 प्रतिशत किराया और दो व्यक्तियों का यात्रा खर्च वहन करेगी। इससे छोटे और मध्यम स्तर के कारोबारी भी अपने उत्पादों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर सकेंगे।
उदयपुर के तीन युवा उद्यमी इस समिट में भाग लेंगे, जो मार्बल और ग्रेनाइट पर आधारित सुंदर कलाकृतियों का प्रदर्शन करेंगे। ये कलाकृतियां डेलिगेट्स को भेंट की जाएंगी, जिससे न केवल राज्य के हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी पहचान भी बनेगी।
सब्सिडी और वित्तीय सहायता का प्रावधान
भजनलाल सरकार ने उद्यमियों और छोटे कारोबारियों को प्रोत्साहित करने के लिए 15 लाख रुपये तक की सब्सिडी का प्रावधान किया है। इसके लिए एक विशेष रिव्यू कमेटी बनाई गई है, जो नए प्रोजेक्ट्स की लागत का सत्यापन करेगी। इसके अतिरिक्त एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों को 5 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी।
राइजिंग राजस्थान समिट: आर्थिक सुदृढ़ता की ओर कदम
यह समिट न केवल राज्य में निवेश को आकर्षित करने का माध्यम है, बल्कि यह प्रदेश के उत्पादों और स्थानीय व्यापारियों के लिए नए दरवाजे खोलने का प्रयास भी है। भजनलाल सरकार का मानना है कि यह पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगी और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी।