latest-newsराजनीतिराजस्थान

राजस्थान राज्य स्तरीय संस्कृत विद्वत सम्मान समारोह आयोजित

राजस्थान राज्य स्तरीय संस्कृत विद्वत सम्मान समारोह आयोजित

Shobhna Sharma. राजस्थान राज्य के कोटा यूआईटी ऑडिटोरियम में सोमवार को संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय संस्कृत विद्वत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संस्कृत भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्वानों को सम्मानित करना था। इस समारोह में शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर मुख्य अतिथि थे, जबकि ऊर्जा राज्य मंत्री श्री हीरालाल नागर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर संस्कृत भाषा के विद्वानों और विद्यार्थियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमामय बना दिया।

संस्कृत: संस्कृति की संवाहक

मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री  मदन दिलावर ने अपने संबोधन में संस्कृत भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति की संवाहक है। संस्कृत भाषा के ज्ञान से मनुष्य संस्कारवान बनता है और सही राह पर चलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संस्कृत के विस्तार और इसे जनभाषा बनाने के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दें ताकि वे संस्कारित नागरिक बन सकें।

संस्कृत के माध्यम से विकसित भारत का सपना

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ऊर्जा राज्य मंत्री  हीरालाल नागर ने कहा कि संस्कृत भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं है, बल्कि यह संस्कृति की वाहक है। उन्होंने कहा कि संस्कृत के विस्तार से ही भारत का विकास संभव है और भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने का सपना साकार होगा। नागर ने संस्कृत के प्रसार और इसके विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगिता पर जोर दिया, जिसमें न्याय, विज्ञान, तकनीक, उद्योग, वाणिज्य आदि प्रमुख हैं।

संस्कृत को आकांक्षी और रोजगारदायिनी बनाना

भारतीय भाषा-समिति के अध्यक्ष और पद्मश्री से सम्मानित चमूकृष्ण शास्त्री ने संस्कृत शिक्षा की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि संस्कृत शिक्षा को आकांक्षी और रोजगारदायिनी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि संस्कृत के प्रयोग को विज्ञान, न्याय, तकनीक और अन्य आधुनिक क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जाए। संस्कृत को कौशल संवर्धन और रोजगार का जरिया बनाने के लिए इंटर्नशिप और अन्य व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत करने की भी बात की गई।

संस्कृत के संरक्षण पर विद्वानों का सम्मान

संस्कृत विद्वत सम्मान समारोह में संस्कृत के विद्वानों और शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया। संस्कृत साधना शिखर सम्मान अटरू बारां के बाबा  निरंजन नाथ मान्यागढ़ को एक लाख रुपये की राशि से सम्मानित किया गया। संस्कृत साधना सम्मान से प्रो. गणेश लाल सुथार जोधपुर और प्रो. कृष्ण शर्मा जयपुर को 51 हजार रुपये की राशि से नवाजा गया। इसके अलावा, संस्कृत विद्वत सम्मान 31 हजार रुपये की राशि से माणक चन्द सोनी चेचट, डॉ. कैलाश चन्द बुनकर जयपुर, डॉ. छाजूराम गुर्जर जयपुर, बहादुर सिंह गुर्जर सवाईमाधोपुर, डॉ. भगवती शंकर व्यास उदयपुर, और डॉ. बाबूलाल मीना भरतपुर को सम्मानित किया गया।

संस्कृत शिक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त विद्यार्थियों का सम्मान

आचार्य परीक्षा, स्नातकोत्तर परीक्षा, शास्त्री परीक्षा, और अन्य परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। इन विद्यार्थियों में दिव्या शर्मा, शुभम त्रिवेदी, सोनाली राठौड़, दिव्या गज्जा, दीप माला पंड्या, और अन्य शामिल थे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में सर्वोच्च सूचकांक प्राप्त संस्थाओं और सत्र 2023-24 में सर्वाधिक नामांकन और नवीन प्रवेश वाली संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया।

संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार का संकल्प

इस अवसर पर संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि संस्कृत को जनभाषा बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। समारोह में संस्कृत भाषा के महत्व और इसके संरक्षण के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की गई।

इस समारोह में आयुक्त संस्कृत शिक्षा विजयपाल सिंह, संयुक्त शासन सचिव कैलाश चंद यादव, संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे। समारोह का मंच संचालन डॉ. हंसराज गुप्ता और डॉ. शिवचरण शर्मा ने किया। समारोह के अंत में संस्कृत में समाहित ज्ञान की झलक प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाई गई।

यह समारोह संस्कृत भाषा के संरक्षण और संवर्धन के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, और संस्कृत भाषा के विकास के लिए उठाए जा रहे कदमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading