मनीषा शर्मा। राजस्थान के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को नसीहत देते हुए कहा कि डोटासरा को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उपचुनावों में कांग्रेस की स्थिति और जनता की प्रतिक्रिया ने पार्टी की असलियत उजागर कर दी है।
गहलोत की जिलाबंदी पर सवाल
अजमेर में आयोजित एक कार्यक्रम में राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जिलाबंदी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने जिला और संभाग बनाने के लिए कोई मापदंड नहीं अपनाया।
“जिले बनाने के दौरान न बाउंड्री देखी गई, न वित्तीय संसाधनों का आकलन किया गया, और न ही जनसंख्या का कोई मापदंड देखा गया। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने पर्ची भेजी और वह जिला बन गया,” राठौड़ ने कहा।
भजनलाल सरकार द्वारा लिए गए जिलाबंदी रद्द के फैसले को सही ठहराते हुए उन्होंने इसे धरातल पर आधारित निर्णय बताया।
डोटासरा के बयान पर पलटवार
गोविंद सिंह डोटासरा के एक बयान का जवाब देते हुए राठौड़ ने कहा कि उपचुनावों में कांग्रेस की असली तस्वीर जनता के सामने आ चुकी है। डोटासरा को लोकतंत्र के महत्व को समझने की जरूरत है।
“डोटासरा की अगुवाई में कांग्रेस ने उपचुनाव में जो परिणाम हासिल किए, उसने उनकी औकात साफ कर दी। बेहतर होगा कि वह खुद की स्थिति का आकलन करें,” राठौड़ ने कहा।
भगवान सिंह की स्मृति में राष्ट्रीय टूर्नामेंट की मांग
कार्यक्रम के दौरान, राठौड़ ने बास्केटबॉल के ‘परमपिता’ भगवान सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर टूर्नामेंट आयोजित करने की मांग की और उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित करने की वकालत की।
उन्होंने कहा, “भगवान सिंह जैसे लोग खेल जगत में प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी स्मृति में राष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित करना एक सही कदम होगा। इससे न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के खेल क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।”
खेलों के प्रति दृष्टिकोण पर जोर
राठौड़ ने देश में खेलों के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डाला और कहा कि भगवान सिंह जैसे व्यक्तित्व हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।