मनीषा शर्मा। उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कांग्रेस के धारा 370 पर रुख को लेकर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने इसे एक राष्ट्रीय मुद्दा बताया जो केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को प्रभावित करता है। राठौड़ ने सवाल उठाया कि कांग्रेस क्या भारत को एक खंडित स्थिति में देखना चाहती है? उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल का कर्तव्य है कि वह सत्ता के लिए देश की अखंडता और एकता से समझौता न करे।
राठौड़ का यह बयान तब आया है, जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में धारा 370 को फिर से लागू करने के प्रयासों की खबरें सामने आई हैं। राठौड़ ने कांग्रेस और इंडिया एलायंस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस एक ऐसी नीति का समर्थन कर रही है जो देश को विभाजित कर सकती है।
धारा 370 हटने के लाभ और कांग्रेस का रुख
धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में आए बदलावों पर बात करते हुए राठौड़ ने कहा कि इस निर्णय से वहां की महिलाओं, दलितों और अन्य वंचित समुदायों को समान अधिकार मिले हैं। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाया कि क्या वह इन अधिकारों को वापस लेना चाहती है? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में कश्मीर में शांति और स्थिरता का माहौल बना है।
राठौड़ ने कहा कि कश्मीर में धारा 370 हटने से पत्थरबाजी जैसी घटनाएं बंद हो गई हैं, और वहां का पर्यटन उद्योग भी तेजी से बढ़ रहा है। यह केवल एक सरकार का निर्णय नहीं था, बल्कि यह फैसला देश को एकजुट रखने और उसे खंडित न होने देने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम था। उन्होंने कांग्रेस से स्पष्ट रुख अपनाने की अपील की है कि वह धारा 370 पर अपने विचारों को स्पष्ट करे।
कश्मीर में विकास और स्थिरता के प्रयास
राठौड़ ने जोर देकर कहा कि धारा 370 को हटाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में स्थानीय प्रशासन ने भी बेहतर तरीके से कार्य किया है। वहां के नागरिक अब मुख्यधारा में आ रहे हैं और अपने अधिकारों का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि धारा 370 को फिर से लागू करने की बातें करने से केवल अस्थिरता और विघटन की स्थिति पैदा होगी।