मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दौरान उपद्रव का मामला बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में करौली जिले में उपचुनाव के समय राजकीय कार्य में बाधा डालने और बदसलूकी का मामला सामने आया। घटना के अनुसार, क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित नेता और वर्तमान प्रत्याशी नरेश मीणा ने SDM अमित कुमार चौधरी को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारने की घटना को अंजाम दिया। यह घटना मतदान प्रक्रिया के दौरान हुई, जिसने पूरे प्रशासनिक महकमे में हलचल मचा दी है।
घटना के तुरंत बाद SDM अमित कुमार चौधरी ने नरेश मीणा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई। प्रशासन ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए नरेश मीणा को गिरफ्तार किया। लेकिन गिरफ्तारी के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ, बल्कि कई इलाकों में विवाद और बढ़ गया है। नरेश मीणा के समर्थकों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करते हुए कई जगहों पर उपद्रव मचाया।
RAS एसोसिएशन का पेन डाउन हड़ताल
घटना के विरोध में RAS (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) एसोसिएशन ने इसे प्रशासनिक कर्मियों की सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए पेन डाउन हड़ताल का ऐलान किया। RAS एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने बताया कि यह घटना एक गंभीर मुद्दा है और प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को इस पर कड़े कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की तो वे अपनी हड़ताल को और आगे बढ़ाने पर विचार करेंगे।
गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन
हालांकि, प्रशासन ने तेज कार्रवाई करते हुए नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उनके समर्थक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद भी उनके समर्थकों ने कई जगहों पर बवाल मचाया है। पुलिस प्रशासन की कोशिशों के बावजूद इन जगहों पर काफी हिंसा और विरोध प्रदर्शन देखा गया है।
सीएम से मुलाकात की तैयारी
RAS एसोसिएशन ने साफ किया कि वे तब तक अपनी हड़ताल खत्म नहीं करेंगे जब तक सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाती। RAS एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलने के लिए सीएम आवास जाएगा। RAS एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने बताया कि इस मुलाकात में वे सीएम से अधिकारियों की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि बातचीत के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
प्रशासनिक सुरक्षा के मुद्दे पर बहस
इस घटना ने प्रशासनिक सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। राजस्थान में यह मुद्दा एक बार फिर से गर्म हो गया है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा और उनकी कार्यस्थल पर संरक्षा की मांग उठ रही है। प्रदेश के कई प्रशासनिक अधिकारी इस मुद्दे पर RAS एसोसिएशन का समर्थन कर रहे हैं।
सरकार की जिम्मेदारी
राज्य सरकार पर यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। RAS एसोसिएशन का यह कदम अन्य राज्यों के प्रशासनिक संगठनों के लिए भी एक संदेश है कि ऐसे मामलों में कड़ी प्रतिक्रिया जरूरी है।