शोभना शर्मा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी में जाति, लिंग या मजहब के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव अस्वीकार्य है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा द्वारा हाल ही में दिया गया बयान और उनका व्यवहार पार्टी की घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है, इसलिए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
राठौड़ ने कहा कि भाजपा में शामिल होते समय हर कार्यकर्ता से यह प्रतिज्ञा करवाई जाती है कि वह अस्पृश्यता को नहीं मानेगा, न ही जाति, लिंग या मजहब के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा की विचारधारा समावेशी है और सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, “आहूजा के इस व्यवहार से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है और यह हमारी कार्यसंस्कृति के खिलाफ है। इसलिए संगठन ने यह कड़ा निर्णय लिया है।” राठौड़ ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक तूल देकर भुनाने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा ने तत्काल कार्रवाई कर स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामलों में शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जाती है।
कांग्रेस नेता उस्मान खान पर भी साधा निशाना
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस नेता उस्मान खान पर भी निशाना साधा, जिन्होंने कथित तौर पर मंदिर के बाहर खड़े लोगों पर कार चढ़ा दी थी। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए, लेकिन इसके बजाय वे अनावश्यक मुद्दों को तूल दे रहे हैं।”राठौड़ ने इस बात का भी उल्लेख किया कि कर्नाटक के एक कांग्रेसी सांसद ने संसद में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान कांच की बोतल तोड़कर चेयरमैन जगदंबिका पाल पर फेंकी थी, जो अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि “इसी मानसिकता के चलते उस्मान खान ने भी हिंसक व्यवहार किया है।”
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मामलों को मुद्दा बना रही है, जबकि उसे अपने नेताओं के व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए।
मदन राठौड़ ने अंत में यह भी कहा कि भाजपा निरंतर अल्पसंख्यकों के कल्याण और समाज में समरसता बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है, लेकिन कुछ ‘अल्पज्ञान वाले लोग’ संगठन की छवि खराब कर रहे हैं, जिन्हें समय रहते संयम और संगठन की मूल भावना को समझना चाहिए।