latest-newsटोंकराजनीतिराजस्थान

नरेश मीणा की गिरफ्तारी में देरी की वजह और प्रशासन की सफाई

नरेश मीणा की गिरफ्तारी में देरी की वजह और प्रशासन की सफाई

राजस्थान के टोंक जिले में SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना ने पूरे राज्य में चर्चा का माहौल बना दिया है। चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई इस घटना ने प्रशासन की कार्यशैली और संयम का परिचय दिया। शुक्रवार को टोंक कलेक्टर सौम्या झा और टोंक SP विकास सांगवान ने मीडिया से बातचीत में घटना का विस्तृत विवरण दिया और गिरफ्तारी में हुई देरी का कारण स्पष्ट किया।

यह घटना तब हुई जब चुनावी प्रक्रिया जोरों पर थी। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा और उनके समर्थक पोलिंग बूथ पर मौजूद थे। इसी दौरान किसी मुद्दे को लेकर उनके और SDM अमित चौधरी के बीच कहासुनी हो गई। बहस के दौरान नरेश मीणा ने अचानक SDM अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया। यह घटना भीड़ के सामने हुई, जिसमें उनके समर्थकों ने माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया।

घटना के तुरंत बाद यह सवाल उठने लगे कि नरेश मीणा को मौके पर ही गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? टोंक कलेक्टर सौम्या झा ने दो प्रमुख कारण बताए:

1. चुनावी प्रक्रिया का सम्मान करना:

  • चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी उम्मीदवार को तुरंत गिरफ्तार करना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन माना जाता।
  • चुनाव प्रचार का दिन होने के कारण नरेश मीणा को गिरफ्तारी से बचाया गया ताकि वह अपने अधिकार का उपयोग कर सकें।

2. संभावित ट्रैप से बचाव:

  • कलेक्टर के अनुसार, यह एक सुनियोजित योजना थी।
  • नरेश मीणा के समर्थकों में अधिकतर बाहरी लोग थे, जो प्रशासन को उकसाने और बूथ पर हमला करने की योजना में थे।

प्रशासन ने संयम दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई से बचने का फैसला किया।  टोंक SP विकास सांगवान ने घटना की जांच और आगे की कार्रवाई के बारे में बताया:

  • वीडियोग्राफी:
    पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी कराई गई, जिससे घटना के हर पहलू को रिकॉर्ड किया जा सके।
  • समर्थकों की पहचान:
    समर्थकों की पहचान की जा रही है और यह जांचा जा रहा है कि वे कहां से आए थे।
  • अतिरिक्त सुरक्षा बल:
    जिले में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। अन्य जिलों से भी अतिरिक्त बल मंगाया गया है।
  • गिरफ्तारी:
    नरेश मीणा और उनके 52 समर्थकों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है।

कलेक्टर ने इसे प्रशासन के खिलाफ एक ट्रैप करार दिया। उन्होंने कहा कि नरेश मीणा और उनके समर्थकों की योजना प्रशासन को उकसाने और माहौल को बिगाड़ने की थी।

  • प्लानिंग:
    • समर्थक भीड़ बनाकर बूथ पर हंगामा करना चाहते थे।
    • प्रशासन के किसी भी कदम का इस्तेमाल चुनावी माहौल खराब करने के लिए किया जा सकता था।
  • संयम का परिचय:
    प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक कोई कार्रवाई नहीं की।
    टोंक कलेक्टर सौम्या झा ने घटना के बाद मीडिया से बातचीत में जनता से शांति बनाए रखने की अपील की।

    • जनता पर भरोसा:
      “टोंक की जनता हमेशा से शांतिप्रिय है। बाहरी लोगों ने यहां की शांति भंग करने की कोशिश की है, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है।”
    • सुरक्षा का भरोसा:
      प्रशासन ने यह भी भरोसा दिलाया कि पेशी के दौरान और उसके बाद किसी भी प्रकार की अशांति नहीं होने दी जाएगी।

      नरेश मीणा और उनके समर्थकों पर लगे आरोप

      घटना के बाद प्रशासन ने नरेश मीणा और उनके समर्थकों पर कई आरोप लगाए:

      1. लोक सेवक पर हमला:
        SDM अमित चौधरी पर हमला करना सरकारी कार्य में बाधा डालने का गंभीर अपराध है।
      2. चुनावी प्रक्रिया में बाधा:
        पोलिंग बूथ पर हंगामा करना चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास था।

        • तत्काल कार्रवाई से बचाव:
          घटना के तुरंत बाद कार्रवाई न करके प्रशासन ने स्थिति को बिगड़ने से रोका।
        • माहौल शांत रखना:
          मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक शांति बनाए रखना प्राथमिकता थी।
        • अवैध भीड़ जुटाना:
          बाहरी लोगों को बुलाकर अशांति फैलाने की साजिश रची गई।

          गिरफ्तारी और आगे की प्रक्रिया

          1. गिरफ्तारी:

          • नरेश मीणा और उनके 52 समर्थकों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
          • आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

          2. आगे की कार्रवाई:

          • अन्य दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी जारी है।
          • मामले की जांच के लिए अलग से टीम बनाई गई है।

          चुनाव के समय प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ती है।

          1. उम्मीदवार और उनके समर्थक प्रशासन को दबाव में लाने की कोशिश करते हैं।भीड़ को जुटाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जाता है।
          2. कई बार चुनावी माहौल में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश होती है।

          इस घटना में टोंक प्रशासन ने संयम और समझदारी का परिचय दिया।कलेक्टर ने टोंक की जनता की शांति प्रियता की सराहना की।

          • जनता का समर्थन:
            प्रशासन और जनता ने मिलकर माहौल को बिगड़ने नहीं दिया।
          • भरोसा:
            कलेक्टर ने भरोसा जताया कि जनता भविष्य में भी इसी तरह का सहयोग करेगी।

 

 

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading