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15 अक्टूबर से मूंग, उड़द और सोयाबीन खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू

15 अक्टूबर से मूंग, उड़द और सोयाबीन खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू

मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश में मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीद के लिए समर्थन मूल्य पर पंजीकरण प्रक्रिया 15 अक्टूबर से शुरू हो रही है। सहकारिता विभाग ने इस साल रजिस्ट्रेशन को पहले ही शुरू करने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य समय पर मिल सके और किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने कहा कि इस बार हमने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को समय से पहले शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों को फसलों की बिक्री में कोई परेशानी न हो।

समय पर होगी दलहन की खरीद प्रक्रिया:

सहकारिता मंत्री ने बताया कि पिछले सालों में मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीद 1 नवंबर से शुरू की जाती थी, और रजिस्ट्रेशन 4 दिन पहले शुरू होता था। लेकिन इस बार, किसानों के पंजीकरण को 15 अक्टूबर से शुरू किया जा रहा है। साथ ही सहकारिता विभाग केन्द्र सरकार से भी खरीद प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की अनुमति मांग रहा है, जिसके लिए प्रस्ताव अगले एक-दो दिनों में भेजा जाएगा।

मूंगफली खरीद 18 नवंबर से निर्धारित:

राजस्थान राज्य सहकारी विपणन संघ (राजफैड) के प्रबंध निदेशक ने जानकारी दी कि इस बार मूंगफली की खरीद प्रक्रिया निर्धारित समय पर ही, 18 नवंबर से शुरू होगी। राज्य सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए इस साल कुल 873 खरीद केंद्र बनाए हैं, जिसमें 357 केंद्रों पर मूंग, 267 पर मूंगफली, 166 पर उड़द, और 83 केंद्रों पर सोयाबीन की खरीद की जाएगी।

समर्थन मूल्य पर खरीद की दरें:

केन्द्र सरकार ने इस साल दलहन और तिलहन की फसलों के समर्थन मूल्य में बदलाव किया है। नए दरों के अनुसार, मूंग की खरीद 8682 रुपए प्रति क्विंटल की दर से, उड़द की खरीद 7400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से, सोयाबीन की खरीद 4892 रुपए प्रति क्विंटल और मूंगफली की खरीद 6783 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी। इस नई दर से किसानों को लाभ मिलेगा और उन्हें फसल के उचित मूल्य प्राप्त होंगे।

किसानों के लिए आसान पंजीकरण प्रक्रिया:

सहकारिता विभाग ने किसानों के पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है। इससे किसानों को रजिस्ट्रेशन सेंटर पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी और वे अपनी फसल का पंजीकरण घर बैठे ही कर सकेंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को अपने आधार कार्ड, जमीन की जानकारी और बैंक खाते का विवरण देना आवश्यक होगा। इसके माध्यम से खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है और सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र किसान इस प्रक्रिया से बाहर न रहे।

सरकार का समर्थन मूल्य योजना में सुधार प्रयास:

राजस्थान सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में फसलों की खरीद प्रक्रिया में सुधार किया है। किसानों को समय पर भुगतान प्राप्त हो और खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे, इस उद्देश्य से सरकार लगातार प्रयासरत है। किसान नेता भी सरकार की इस पहल की सराहना कर रहे हैं और उनका मानना है कि इस तरह की पारदर्शी प्रणाली से किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

पंजीकरण और खरीद में नयापन लाने के उद्देश्य:

इस साल सरकार ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पहले शुरू करके दलहन-तिलहन की खरीद में बदलाव किया है। यह कदम किसानों के लाभ के लिए उठाया गया है ताकि उन्हें फसल की बिक्री में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इससे खरीदी प्रक्रिया को समय पर प्रारंभ किया जा सकेगा और किसानों को उनके फसल के उचित दाम आसानी से मिल पाएंगे। इस तरह की व्यवस्था से राजस्थान के लाखों किसानों को लाभ होगा और वे अपनी फसल बेचकर संतोषजनक मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।

खरीदी में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास:

राजफैड और सहकारिता विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि खरीद केंद्रों पर किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो और भुगतान प्रक्रिया समय पर हो। राजस्थान सरकार के इस कदम से किसानों का समर्थन बढ़ेगा और वे सरकार की योजनाओं से और अधिक लाभान्वित होंगे।

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