latest-newsजयपुरराजस्थान

अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बरामद मोबाइल और ऋतिक बॉक्सर का संबंध

अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बरामद मोबाइल और ऋतिक बॉक्सर का संबंध

शोभना शर्मा। अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में चार महीने पहले बरामद हुए मोबाइल के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मोबाइल में मिली सिम जयपुर में G-क्लब पर फायरिंग करने वाले लॉरेंस गैंग के सदस्य ऋतिक बॉक्सर की मां ने अपनी नौकरानी के नाम से अलॉट करवाई थी। इसके बाद ऋतिक ने यह मोबाइल अपने गुर्गे को सौंपा था, जो रूटीन चेकिंग के दौरान हार्डकोर अपराधी जगतपाल के कपड़ों से बरामद हुआ था।

मोबाइल का बरामद होना और पुलिस की जांच
यह घटना उस समय सामने आई जब अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में रूटीन चेकिंग के दौरान जगतपाल के कपड़ों से एक की-पैड मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किया गया। जगतपाल, जो NDPS एक्ट में सजा काट रहा था, ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि यह फोन उसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य ऋतिक बॉक्सर ने दिया था। अजमेर पुलिस ने इसी मामले में बुधवार को जगतपाल को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लिया है, जो आठ महीने से जेल में बंद था।

ऋतिक बॉक्सर और जगतपाल का कनेक्शन
अजमेर उत्तर के डीएसपी रुद्रप्रकाश शर्मा ने जानकारी दी कि इस मामले की शुरुआत 8 जून 2024 को हुई थी, जब हाई सिक्योरिटी जेल के अधीक्षक पारस जांगिड़ ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत में कहा गया कि चेकिंग के दौरान जगतपाल के कपड़ों से एक मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद हुए थे। जब इस मोबाइल की गहराई से जांच की गई, तो पाया गया कि सिम कार्ड किसी रिया नाम की महिला के नाम से अलॉट हुआ था।

जांच को और आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने रिया से पूछताछ की। रिया ने बताया कि उसकी मालकिन ने उसके नाम पर यह सिम कार्ड अलॉट करवाया था। मालकिन का नाम सामने आते ही एक और चौंकाने वाली बात सामने आई – रिया की मालकिन कोई और नहीं बल्कि ऋतिक बॉक्सर की मां थी।

कौन है ऋतिक बॉक्सर?
ऋतिक बॉक्सर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक खतरनाक सदस्य माना जाता है। वह जयपुर में G-क्लब पर हुई फायरिंग की घटना में भी शामिल रहा है। पुलिस का कहना है कि इस गैंग का नेटवर्क अपराधियों के बीच व्यापक फैला हुआ है, जो जेल के अंदर और बाहर दोनों जगहों से सक्रिय रूप से ऑपरेट करता है।

डीएसपी शर्मा ने बताया कि जांच में पता चला कि ऋतिक बॉक्सर ने यह सिम मार्च 2024 में अपनी मां के माध्यम से अलॉट करवाई थी। सिम मिलने के बाद उसने इसे अपने गुर्गे जगतपाल को जेल में उपलब्ध करवाया।

मोबाइल और सिम कैसे पहुंचे जेल के अंदर?
यह सबसे अहम सवाल है कि जेल जैसी हाई सिक्योरिटी वाली जगह पर मोबाइल और सिम कैसे पहुंचा। पुलिस की जांच अभी इस दिशा में जारी है। सीओ रुद्र प्रकाश शर्मा ने बताया कि ऋतिक बॉक्सर और जगतपाल के बीच हुए इस गठजोड़ की जांच करते हुए और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है।

पुलिस जल्द ही ऋतिक बॉक्सर को भी गिरफ्तार कर पूछताछ करेगी, ताकि यह पता चल सके कि यह मोबाइल और सिम जेल के अंदर कैसे पहुंचा और इसके पीछे किसका हाथ है। इसके अलावा, पुलिस उन संभावित चैनलों की भी जांच कर रही है जो जेल के अंदर अपराधियों को मोबाइल और सिम जैसे प्रतिबंधित सामानों की सप्लाई में मदद करते हैं।

जगतपाल का आपराधिक रिकॉर्ड
जगतपाल का नाम आनंदपाल और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ जुड़ा हुआ है। वह एक हार्डकोर अपराधी है जो NDPS एक्ट में सजा काट रहा है। पुलिस का मानना है कि जगतपाल की गैंग के साथ करीबी संबंध होने के कारण ही उसे यह फोन और सिम उपलब्ध कराया गया था।

पुलिस का यह भी मानना है कि जेल के अंदर से मोबाइल के जरिये गैंग के सदस्य अपने आपराधिक गतिविधियों का संचालन करते हैं। इसी कड़ी में ऋतिक बॉक्सर ने भी जगतपाल को फोन और सिम का उपयोग करने के लिए दिया था ताकि वह गैंग की गतिविधियों को अंदर से जारी रख सके।

अगले कदम
पुलिस ने जगतपाल को गिरफ्तार कर लिया है, और अब जांच का अगला चरण ऋतिक बॉक्सर से पूछताछ करना है। पुलिस इस मामले में हर संभावित एंगल की जांच कर रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जेल के अंदर किस प्रकार से मोबाइल और सिम जैसी चीजें पहुंचाई जा रही हैं।

आगे की जांच में यह भी देखा जाएगा कि इस पूरे मामले में और कौन-कौन शामिल है और क्या इस घटना के पीछे कोई बड़ा आपराधिक साजिश है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading