शोभना शर्मा। राजस्थान विधानसभा में अक्टूबर 2024 के महीने में बिजली के बिल में पेनल्टी शून्य हो गई है, जिससे विधानसभा के बिजली खर्च में काफी कमी आई है। इस सुधार पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने संतोष व्यक्त किया है। विधानसभा में विद्युत खर्च को नियंत्रित करने और पॉवर फैक्टर को सुधारने के लिए पिछले कुछ महीनों से सतत निगरानी की जा रही थी, जिसके सकारात्मक परिणाम अक्टूबर में देखने को मिले हैं।
पॉवर फैक्टर सुधार से हुआ पेनल्टी शून्य
अगस्त 2024 में राजस्थान विधानसभा का पॉवर फैक्टर संधारित नहीं होने के कारण बिजली के बिल में पेनल्टी लगाई गई थी, जिससे विद्युत खर्च में वृद्धि हो गई थी। इस स्थिति पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने नाराजगी व्यक्त की थी और सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) और विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को विधानसभा में विद्युत के गुणवत्तापूर्ण उपयोग और आदर्श पॉवर फैक्टर को संधारित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए थे। इसके बाद, लगातार निगरानी और प्रयासों से अक्टूबर महीने में पावर फैक्टर के कारण पेनल्टी पूरी तरह समाप्त हो गई।
सतत निगरानी से बिजली खर्च में सुधार
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विद्युत खर्च पर नियंत्रण के लिए गत दो महीनों से लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए थे। पॉवर फैक्टर संधारित करने के लिए किए गए इन प्रयासों से अक्टूबर माह में बिजली खर्च निर्धारित सीमा में आया, जिससे विधानसभा के बजट पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा। यह सुनिश्चित किया गया कि विधानसभा में विद्युत उत्पादन और उपयोग का सही तरीके से प्रबंधन हो, ताकि बिजली की बर्बादी न हो और इसके उपयोग को अधिकतम किया जा सके।
बिजली खर्च की जांच और पेनल्टी का पुनर्भरण
राजस्थान विधानसभा में अगस्त और उसके पूर्व महीनों में उच्च विद्युत बिल आने पर अध्यक्ष देवनानी ने चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे बिजली बिलों की गहराई से जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसे मामलों में किसी भी अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए। साथ ही, पेनल्टी की राशि की वसूली संबंधित अधिकारियों से की जानी चाहिए। यह निर्देश विधानसभा के बिजली खर्च को नियंत्रित करने के दीर्घकालिक उपायों का हिस्सा थे।
सौर ऊर्जा कैपेसिटी में वृद्धि के निर्देश
बिजली खर्च को और भी अधिक नियंत्रित करने के लिए, विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में सौर ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सौर ऊर्जा के उपयोग से न केवल बिजली खर्च में कमी आएगी, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी होगा। देवनानी ने विधानसभा में उत्पादित बिजली के प्रसारण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और न्यूनतम विद्युत क्षरण के लिए नियमित पर्यवेक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
जागरूकता और बिजली के उपयोग पर जोर
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में अधिकारियों और कर्मचारियों से बिजली के उपयोग में अधिक जागरूकता दिखाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बिजली के सदुपयोग से ही विधानसभा का विद्युत खर्च नियंत्रित हो सकेगा। देवनानी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे विधानसभा परिसर में आवश्यकता के अनुसार ही बिजली का उपयोग करें और बिजली की बर्बादी को रोकें।