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मातृ शक्ति का सम्मान: भारतीय संस्कृति का आधार – वासुदेव देवनानी

मातृ शक्ति का सम्मान: भारतीय संस्कृति का आधार – वासुदेव देवनानी

मनीषा शर्मा, अजमेर।  विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि मातृ शक्ति का सम्मान करना सबसे बड़ी पूजा है। भारतीय संस्कृति ने हमेशा से महिलाओं को सम्मान और पूज्य स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज या संस्कृति का विकास तभी संभव है जब उसमें महिलाओं को समान अवसर और अधिकार प्रदान किए जाएं। भारतीय सनातन संस्कृति महिलाओं को आदर और गौरवपूर्ण स्थान देने में अग्रणी रही है।

सोमवार को वासुदेव देवनानी ने  लोहागल गांव में आयोजित महिलाओं के सम्मान समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने चुनरी ओढ़ाकर महिलाओं का सम्मान किया और उनके योगदान की सराहना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व में केवल वही संस्कृतियां प्रगति कर पाई हैं जिन्होंने महिलाओं को समानता और सम्मान दिया।

देवनानी ने कहा कि महिलाओं का योगदान हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। चाहे वह परिवार हो, समाज हो, या फिर राष्ट्र का निर्माण—महिलाओं की भूमिका सर्वोपरि है। उन्होंने भारतीय युवाओं को प्राचीन संस्कृति से प्रेरणा लेकर महिलाओं को सम्मान देने की शिक्षा लेने का आह्वान किया।

भारतीय ग्रंथों और इतिहास में भी महिलाओं का आदर सर्वोच्च रहा है। महिलाओं को शक्ति, ज्ञान और सृजन की प्रतीक माना गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज की पीढ़ी को अपनी माताओं और बहनों की क्षमताओं और उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए। वर्तमान में देश की राष्ट्रपति से लेकर अन्य उच्च पदों पर महिलाएं अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रही हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं अपनी क्षमताओं को और निखार सकती हैं। देवनानी ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में पंचायत समिति सदस्य अरुणा टांक और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं। इस मौके पर महिलाओं ने भी अपने विचार साझा किए और इस तरह के आयोजनों को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रेरक बताया।

देवनानी ने कहा कि हमें अपने पुरखों से प्रेरणा लेकर महिलाओं को आदर और सम्मान देने की परंपरा को बनाए रखना चाहिए। इस विरासत को संजोकर आने वाली पीढ़ियों तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे महिलाओं के प्रति अपने दृष्टिकोण को और व्यापक बनाएं और उन्हें हर क्षेत्र में सहयोग प्रदान करें। कार्यक्रम के अंत में महिलाओं ने इस सम्मान समारोह के आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया और इसे समाज में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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