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अपराधियों की गिरफ्तारी में ‘साइक्लोनर’ और ‘टॉरनेडो’ टीम की भूमिका

अपराधियों की गिरफ्तारी में ‘साइक्लोनर’ और ‘टॉरनेडो’ टीम की भूमिका

शोभना शर्मा। जोधपुर रेंज पुलिस की विशेष टीमों में से ‘साइक्लोनर’ (Cycloner) एक ऐसी टीम है जो अपराधियों को पकड़ने के लिए अनोखे ऑपरेशन्स करती है। अपराधियों को पकड़ने के लिए एक योजनाबद्ध तरीके से काम करने के लिए इस टीम का गठन हुआ, ताकि उन अपराधियों को पकड़ सकें जो वर्षों से पुलिस से फरार हैं। इस टीम का काम शातिर अपराधियों को गिरफ्तार करने की चुनौती को हल करना है।

टीम का गठन और उद्देश्य: ‘साइक्लोनर’ के साथ-साथ ‘स्ट्रॉन्ग’ और ‘टॉरनेडो’ नाम की टीमों का भी गठन हुआ। जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार के नेतृत्व में ये तीनों टीमें न केवल अपनी निगरानी बढ़ा रही हैं, बल्कि अपराधियों की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रख रही हैं। आईजी कुमार के अनुसार, ‘साइक्लोनर’ का काम ऑपरेशन की पूरी योजना तैयार करना है, जबकि ‘स्ट्रॉन्ग’ टीम चिन्हित अपराधियों पर नजर रखती है, और ‘टॉरनेडो’ टीम जोखिम भरे ऑपरेशन्स को अंजाम देती है।

प्रमुख ऑपरेशन्स: जोधपुर रेंज पुलिस की ये तीनों टीमें अब तक कई नामचीन ऑपरेशन्स को अंजाम दे चुकी हैं। इनमें ‘ऑपरेशन लल्लनटॉप’, ‘डॉक्टर फिक्सिट’, ‘मुद्राराक्षस’ और ‘मोना’ जैसे ऑपरेशन्स शामिल हैं। हर ऑपरेशन का नाम खास होता है, जिससे इसकी गोपनीयता बरकरार रहे। ये नाम अपराधियों की गतिविधियों और परिस्थितियों पर आधारित होते हैं।

  1. ऑपरेशन लल्लनटॉप:
    • 12 साल पुराने हत्या के मामले में वांछित अपराधियों को पकड़ने के लिए, पुलिस ने नारियल बेचने वाले और किसान के भेष में अपराधियों के ठिकानों पर नजर रखी। पुलिस की मेहनत के बाद तीनों अपराधियों को पकड़ा गया।
  2. ऑपरेशन मोना:
    • जोधपुर का टॉप मोस्ट वांटेड तस्कर जस्सा राम पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। पुलिस ने उसकी पत्नी पर निगरानी शुरू की और गुप्त रूप से उसके गैराज की मॉनिटरिंग करते हुए जस्सा राम को गिरफ्तार किया।
  3. ऑपरेशन मुद्रा राक्षस:
    • देश भर में एटीएम लूटने वाले एक गैंग पर काबू पाने के लिए इस ऑपरेशन का नाम मुद्रा राक्षस रखा गया। इस गैंग ने कई राज्यों में सैकड़ों एटीएम लूटे थे।
  4. ऑपरेशन डॉक्टर फिक्सिट:
    • पेपर लीक के आरोपी वर्षा बिश्नोई को पकड़ने के लिए पुलिस ने स्टूडेंट बनकर उसके पीजी में प्रवेश किया। वर्षा ने पहले खुद को ‘विमला’ बताया, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद उसने अपनी असली पहचान बताई और गिरफ्तार कर लिया गया।

गोपनीयता बनाए रखने के तरीके और कोडवर्ड्स का इस्तेमाल: टीमों के बीच ऑपरेशन के दौरान गुप्त कोडवर्ड्स का इस्तेमाल होता है ताकि बाहरी लोगों को कुछ पता न चले। ऑपरेशन के नाम इतने यूनिक होते हैं कि इनमें कोडवर्ड्स का भी महत्व बढ़ जाता है।

अपराधियों की कुंडली खंगालने की प्रक्रिया: हर ऑपरेशन से पहले पुलिस अपराधी की पूरी जानकारी एकत्र करती है। अपराधी की शिक्षा, उसके सहयोगी, उसका क्षेत्र और उसका इतिहास खंगाला जाता है। इसके बाद अपराधी की कुंडली तैयार की जाती है और ऑपरेशन का जिम्मा तय होता है।

टीम के चयन और प्रशिक्षण: टीम में सिर्फ उन पुलिसकर्मियों का चयन किया जाता है जो जोखिम भरे ऑपरेशन्स को अंजाम देने के लिए उपयुक्त हों। इन्हें प्रशिक्षित किया गया है ताकि किसी भी ऑपरेशन में ये खुद को आसानी से ढाल सकें।

आईजी विकास कुमार का नेतृत्व और मॉनिटरिंग: जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार खुद हर ऑपरेशन की मॉनिटरिंग करते हैं और टीमों को दिशा-निर्देश देते हैं। इसके लिए उनके सरकारी आवास में ही साइक्लोनर टीम का एक ऑफिस तैयार किया गया है जहां से अपराधियों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाती है।

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