शोभना शर्मा। राजस्थान की स्वर्णनगरी जैसलमेर इन दिनों देश-विदेश के सैलानियों से गुलजार है। दीपावली के बाद शुरू हुआ पर्यटन का यह सिलसिला दिसंबर के आखिरी सप्ताह में अपने चरम पर पहुंच चुका है। 31 दिसंबर तक जैसलमेर के होटलों और टेंट्स की बुकिंग पूरी तरह फुल है। रूम और टेंट्स की कीमतें सामान्य दर से दोगुनी-तिगुनी हो गई हैं।
सैलानियों की भारी भीड़ से होटल-टेंट फुल
जैसलमेर में इस बार सम और आसपास के 10-15 किमी क्षेत्र में 150 से अधिक रिसॉर्ट्स में 5000 से ज्यादा टेंट लगाए गए हैं। इसके बावजूद 31 दिसंबर तक इनमें से अधिकांश बुक हो चुके हैं। कुछ टेंट्स के दाम 15,000 से 35,000 रुपए तक पहुंच गए हैं। वहीं, होटल रूम, जो सामान्य दिनों में 1500 रुपए में उपलब्ध होते थे, अब 5000 रुपए से शुरू हो रहे हैं।
नए साल के लिए खास इंतजाम
नए साल का जश्न जैसलमेर के रेगिस्तान में मनाने के लिए कई विशेष इंतजाम किए गए हैं।
कैम्प फायर और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा गाने, कालबेलिया नृत्य और DJ पार्टी आयोजित होंगी।
राजस्थानी खाना: गेस्ट को पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन परोसे जाएंगे।
लक्ज़री टेंट्स: कुछ लक्ज़री रिसॉर्ट्स में टेंट्स की कीमत 2 लाख तक पहुंच गई है।
विशेष पार्टियां: होटलों में इन-हाउस गेस्ट के लिए निजी पार्टियों का आयोजन होगा।
फ्लाइट और ट्रांसपोर्ट भी महंगा
टेंट्स और होटलों के साथ-साथ फ्लाइट टिकट्स भी महंगे हो गए हैं। दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद से जैसलमेर आने वाली उड़ानों के किराए सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना हो चुके हैं।
पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़
जैसलमेर के प्रमुख पर्यटन स्थल, जैसे:
- सोनार किला (जैसलमेर फोर्ट): जिसे UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
- सम-खुहड़ी के रेत के धोरे: जहां कैमल सफारी और सनसेट का अद्भुत नजारा सैलानियों को आकर्षित करता है।
- पेट्रोनाका हवेलियां और झरोखे।
- एडवेंचर एक्टिविटीज: जीप सफारी, डेजर्ट स्कूटर, पैरामोटर और पैरासेलिंग।
इन स्थलों पर देसी और विदेशी पर्यटकों की भारी भीड़ नजर आ रही है।
दिसंबर: पर्यटन का पीक सीजन
दिसंबर का महीना जैसलमेर के लिए सबसे अच्छा पर्यटन सीजन माना जाता है। इस दौरान सर्दी के चलते यहां का मौसम ठंडा और सुखद रहता है, जबकि गर्मियों में तापमान 45 डिग्री से अधिक हो जाता है। ठंड के मौसम में रेगिस्तान की रातें और दिन दोनों ही सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं।
पर्यटन से बढ़ा कारोबार
जैसलमेर में पर्यटन का पीक सीजन स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो रहा है।
होटल व्यवसाय: ऑफ-सीजन में खाली रहने वाले होटल अब अपनी सालभर की आय दिसंबर में ही कमा लेते हैं।
स्थानीय कलाकार: सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से राजस्थानी कलाकारों को रोजगार मिलता है।
लोकल मार्केट्स: हस्तशिल्प, कपड़े, और आभूषण की बिक्री भी तेजी से बढ़ती है।
सैलानियों के लिए खास अनुभव
जैसलमेर आने वाले सैलानियों को रेगिस्तान में बिताई एक रात जीवनभर याद रहती है।
कैमल सफारी: रेत के टीलों पर ऊंट की सवारी।
सनसेट: सम रेत के धोरे से सूर्यास्त देखना।
स्टार गेजिंग: रेगिस्तान की रात में तारों से भरा आसमान।
कल्चरल इवेंट्स: राजस्थानी लोक गीत और नृत्य।
नई चुनौतियां और संभावनाएं
जैसलमेर में सैलानियों की बढ़ती संख्या जहां पर्यटन व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है, वहीं इससे संबंधित कुछ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं।
रहने की व्यवस्था: भारी भीड़ के चलते कई सैलानी ठहरने की जगह नहीं पा रहे हैं।
मूल्य वृद्धि: होटल और टेंट की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि ने मध्यम वर्गीय पर्यटकों को प्रभावित किया है।
सुविधाओं का अभाव: पर्यटकों की जरूरतों के हिसाब से बुनियादी सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है।