मनीषा शर्मा, अजमेर। राजस्थान में आयोजित SI भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप) की टीम ने आज बाबूलाल कटारा, जो कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के निलंबित सदस्य हैं, को अजमेर के RPSC कार्यालय में लाकर उनके सील्ड चैंबर को खुलवाया। कटारा से उनके सामने ही गहन पूछताछ की गई। इसके अलावा पूर्व मेंबर रामूराम राईका, उनके बेटे देवेश राईका और बेटी शोभा राईका को भी RPSC लाया गया और इनसे आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई।
कटारा और राईका के बीच संबंध
आयोग के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा पर आरोप है कि उन्होंने रामूराम राईका को SI भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। कटारा पहले ही सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरोपी हैं। एसओजी की टीम ने इस मामले में कई दस्तावेज खंगाले और अधिकारियों के साथ-साथ कटारा से भी पूछताछ की। पूछताछ के बाद रामूराम राईका और उनके बच्चों को जयपुर लेकर एसओजी टीम रवाना हो गई।
जोधपुर में नकल का बड़ा खुलासा
इसी बीच, जोधपुर के एक परीक्षा केंद्र पर भी SI पेपर में नकल करवाने की बड़ी जानकारी सामने आई है। एसओजी की पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि परीक्षा से एक दिन पहले, यानी 14 सितंबर 2021 को बाकायदा मॉकड्रिल की गई थी। मॉकड्रिल में स्कूल संचालक ने अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में बैठाकर पेपर सॉल्व करवाने की प्रैक्टिस करवाई थी। इसके लिए 12 लाख रुपए का सौदा तय हुआ था।
इस नकल प्रकरण में पूर्व सैनिक बिजेंद्र कुमार, उसकी पत्नी और महिला मित्र रितु शर्मा की मुख्य भूमिका रही। बिजेंद्र ने अपने कोटे से परीक्षा दी और नकल से 92वीं रैंक हासिल की। पेपर सॉल्व करवाने वाले गिरोह ने अब तक 100 से ज्यादा अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी दिलवाई है।
कैसे हुआ था नकल का सौदा
जांच में पता चला है कि बिजेंद्र कुमार ने अपने कोटे से 2019 में आर्मी से रिटायर होने के बाद SI भर्ती परीक्षा में शामिल होने की योजना बनाई थी। उसने अपनी महिला मित्र रितु शर्मा के माध्यम से परीक्षा केंद्र पर साठगांठ की थी। रितु ने इसके लिए एक स्कूल संचालक से संपर्क किया, और पूरी योजना को अंजाम दिया गया। 12 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था, लेकिन बिजेंद्र ने चयनित होने के बाद केवल 9 लाख रुपए ही चुकाए, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
नकल के लिए मॉकड्रिल की गई
एसओजी की जांच में सामने आया कि नकल करवाने के लिए बाकायदा परीक्षा केंद्र पर मॉकड्रिल की गई थी। 14 सितंबर को अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में बैठने और पेपर सॉल्व करने की प्रक्रिया सिखाई गई थी। उन्हें सिर्फ पेपर सॉल्व करने का नाटक करने और समय व्यतीत करने के लिए कहा गया था। पेपर लीक होने के बाद ही वास्तविक उत्तरों से OMR शीट भरवाई जानी थी।
पैसे के लेन-देन का विवाद
बिजेंद्र ने परीक्षा के बाद पूरी रकम नहीं चुकाई, जिससे गिरोह के सदस्यों के बीच विवाद हो गया। इस विवाद के चलते अर्जुन प्रजापत और रितु शर्मा ने एसओजी से बचने के लिए 10 लाख रुपए की मांग की थी। जांच में यह भी सामने आया कि पेपर सॉल्वर ने अब तक 100 से ज्यादा अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी दिलाने में मदद की है।
डेली नए खुलासे
SI भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में एसओजी अब तक 42 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर सहित 70 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। प्रत्येक दिन नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं, और कई परीक्षा केंद्रों में नकल की घटनाओं की जांच जारी है।