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RSS प्रमुख मोहन भागवत का अलवर प्रवास – दिया महत्वपूर्ण संदेश

RSS प्रमुख मोहन भागवत का अलवर प्रवास – दिया महत्वपूर्ण संदेश

मनीषा शर्मा।   राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत पांच दिन के अलवर प्रवास पर हैं, और इस दौरान वे परिवार, समाज और समरसता के महत्व पर कई महत्वपूर्ण संदेश दे रहे हैं। प्रवास के तीसरे दिन, रविवार को वे सुबह 6:30 बजे इंदिरा गांधी स्टेडियम पहुंचे और करीब दो घंटे तक स्वयंसेवकों के बीच रहे। उन्होंने परिवार और समाज से जुड़े पांच महत्वपूर्ण सूत्र बताए, जो वर्तमान समाज में जरूरी हैं। भागवत ने कहा कि हमें इस पर विचार करना चाहिए कि हम कहां पिछड़ रहे हैं। उन्होंने समाज के हर तबके, खासकर गरीब वर्ग के लोगों के साथ जुड़ाव रखने पर जोर दिया। उनका संदेश था कि हमें गरीबों को अपने घर बुलाना चाहिए और उनके घर भी जाना चाहिए। इससे समाज में समरसता का माहौल बनेगा और हर व्यक्ति को साथ लेकर चलने का संदेश मजबूत होगा।

परिवार में संवाद की अहमियत

भागवत ने विशेष रूप से परिवार में संवाद की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों को रोजाना एक साथ बैठना चाहिए, खासकर शाम के भोजन के समय। इससे सभी के मन की बातें सुनी जा सकती हैं और परिवार में आपसी समझ और सद्भाव बना रहता है। उन्होंने कहा कि परिवार की समस्याओं और विचारों पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए, ताकि परिवारिक एकता और सहयोग बना रहे।

समाज में समरसता और गरीबों के साथ जुड़ाव

डॉ. मोहन भागवत ने अपने संदेश में समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें गरीबों के साथ गहरा जुड़ाव रखना चाहिए। गरीबों के घर जाकर उनके हालात को समझना और उनके उत्थान के लिए सोचना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रांत में हम रहते हैं, उसकी वेशभूषा और खान-पान के बारे में भी जागरूक होना चाहिए। इसके अलावा, भागवत ने शाखाओं के माध्यम से एक-दूसरे के बारे में जानकारी रखने और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए काम करने की बात कही।

समाज सेवा के विभिन्न रूप

भागवत ने कहा कि समाज सेवा सिर्फ रण में जाकर ही नहीं की जा सकती, बल्कि इसे विभिन्न रूपों में किया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि हम अपनी कॉलोनी में सफाई करके भी देश सेवा कर सकते हैं। इसके साथ ही, चरित्र और शिक्षा को बेहतर बनाकर भी समाज और देश की सेवा की जा सकती है। समाज को उन्नतिशील बनाने के लिए हमें लगातार काम करने की आवश्यकता है।

पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण

डॉ. मोहन भागवत ने अपने प्रवास के दौरान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए। सभा के बाद, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और वन मंत्री संजय शर्मा के साथ वे मातृवन पहुंचे, जहां 11 पौधे लगाए गए। केंद्रीय मंत्री यादव ने बताया कि भूरासिद्ध क्षेत्र को वन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और इसे मातृवन नाम दिया गया है। वन मंत्री संजय शर्मा ने जानकारी दी कि मातृवन की शुरुआत 4 अगस्त को हुई थी, जिसमें 8,000 पौधे लगाए गए थे।  डॉ. भागवत ने कहा कि लगाए गए पौधों को वृक्ष बनने तक देखभाल करना आवश्यक है। यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक विशेष सौगात होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमने प्रकृति से बहुत कुछ लिया है, अब इसे वापस संवारने का समय आ गया है। पौधों की देखभाल और संरक्षण पर ध्यान देना आने वाले समय में समाज और पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।

समरसता का संदेश

डॉ. भागवत के प्रवास के दौरान दिए गए संदेशों में सबसे प्रमुख बात यह रही कि समाज में समरसता होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने आप को भारत का नागरिक समझना चाहिए, और समाज की कुरितियों को मिलकर दूर करना चाहिए। उनके अनुसार, समाज का हर तबका यदि साथ मिलकर काम करेगा तो ही समाज में सच्ची प्रगति और विकास संभव है।

डॉ. राजकुमार गुर्जर, जो इस सभा में उपस्थित थे, ने बताया कि यह सभा विशेष रूप से परिवार और समाज के प्रति जिम्मेदारियों पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि भागवत ने परिवार को संचित करने और समाज की कुरितियों को मिटाने के महत्वपूर्ण सूत्र दिए। यह सभा समाज में समरसता और एकता के भाव को बढ़ाने के लिए प्रेरणादायक रही।

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