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विजयदशमी पर आरएसएस का शस्त्र पूजन और पथ संचलन

विजयदशमी पर आरएसएस का शस्त्र पूजन और पथ संचलन

शोभना शर्मा, अजमेर। विजयदशमी का पर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लिए विशेष महत्व रखता है, और इस अवसर पर संघ की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी आरएसएस ने विजयदशमी के पावन अवसर पर अपने 11 नगर कार्यालयों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिसमें शस्त्र पूजन और पथ संचलन मुख्य आकर्षण रहे। अजमेर में संघ के नगर संख्या दो द्वारा पथ संचलन निकाला गया, जबकि बाकी अन्य नगर कार्यालयों में शस्त्र पूजन सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

पथ संचलन और शस्त्र पूजन

विजयदशमी के दिन संघ कार्यकर्ताओं ने शस्त्र पूजन की परंपरा का पालन करते हुए विभिन्न शस्त्रों की पूजा की। इसके बाद, नगर संख्या दो द्वारा अजमेर के प्रमुख मार्गों से होकर पथ संचलन निकाला गया। पथ संचलन के दौरान, विभिन्न मार्गों पर स्थानीय निवासियों और समर्थकों ने स्वागत किया। संघ कार्यकर्ताओं का अनुशासन और एकता का प्रदर्शन इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य रहा। विजयदशमी के अवसर पर यह संचलन न केवल शक्ति का प्रतीक है, बल्कि संघ के आदर्शों और सिद्धांतों का पालन करने का संदेश भी देता है।

संघ की शाखाएँ और हालिया गतिविधियाँ

अजमेर में आरएसएस की कुल 150 शाखाएँ हैं, जिनमें से प्रमुख 40 शाखाएँ हाल ही में फूस की कोठी में संघ शाखा संगम में शामिल हुई थीं। यह संघ संगम अजमेर में संघ की गतिविधियों को संगठित और मजबूत करने के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में महानगर संघ चालक खाजूलाल चौहान और प्रांतीय संघ चालक जगदीश राणा का भी प्रवास हुआ, जिससे संघ कार्यकर्ताओं का उत्साह और भी बढ़ गया।

विजयदशमी के अलावा अन्य अवसरों पर भी पथ संचलन

संघ पदाधिकारियों के अनुसार, पथ संचलन केवल विजयदशमी के अवसर पर ही नहीं, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर भी आयोजित किया जाता है। यह संचलन संघ के अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक होता है। आरएसएस की यह परंपरा समाज के प्रति संघ के कार्य और उद्देश्य को स्पष्ट करने का एक तरीका है।

कार्यक्रमों का महत्व

विजयदशमी के अवसर पर आयोजित इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य संघ कार्यकर्ताओं के बीच एकता, अनुशासन और शक्ति का प्रदर्शन करना होता है। शस्त्र पूजन संघ की सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा है, जो शक्ति और धैर्य का प्रतीक माना जाता है। पथ संचलन के माध्यम से, संघ अपने कार्यकर्ताओं के संगठन और अनुशासन को प्रदर्शित करता है, जिससे समाज में सकारात्मक संदेश फैलाया जाता है।

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