मनीषा शर्मा। राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में विधानसभा उपचुनाव के बाद भयानक हिंसा का माहौल बन गया। इस दौरान एसडीएम अमित कुमार को थप्पड़ मारने की घटना के बाद हिंसा भड़क उठी। इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं, और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने इस मामले में नरेश मीणा को गिरफ्तार किया है।
घटना का पूरा विवरण
समरावता में मतदान समाप्त होने के बाद एसडीएम अमित कुमार और नरेश मीणा के बीच तीखी बहस हुई, जो बाद में हिंसक झड़प में बदल गई। नरेश मीणा पर आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक स्थल पर एसडीएम को थप्पड़ मारा। इसके बाद, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के बाद, ग्रामीणों और प्रशासन के बीच टकराव शुरू हो गया, जिसमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोग घायल हुए।RAS एसोसिएशन का विरोध और हड़ताल
एसडीएम पर हुए हमले के विरोध में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) एसोसिएशन ने हड़ताल का ऐलान किया। इस दौरान, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक के बाद यह हड़ताल समाप्त की गई। वहीं, राज्य प्रशासन ने नरेश मीणा और उनके समर्थकों पर 10 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।सचिन पायलट की प्रतिक्रिया
सचिन पायलट ने इस घटना की कड़ी आलोचना की। उन्होंने अपने बयान में कहा,“सरकार के नियंत्रण की कमी साफ नजर आती है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर हुए हमले की कड़ी निंदा होनी चाहिए। घायलों को मुआवजा मिलना चाहिए, और हिंसा की विस्तृत जांच होनी चाहिए।”
इसके साथ ही, पायलट ने पत्रकार अजीत शेखावत और कैमरामैन धर्मेंद्र कुमार पर हुए हमले की भी निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया,
“ड्यूटी पर तैनात पत्रकारों पर हमला अस्वीकार्य है। इसमें शामिल दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
सरकार की कार्रवाई और आगे का रुख
घटना के बाद, टोंक जिले के एसपी ने बताया कि नरेश मीणा और उनके समर्थकों के खिलाफ चार्ज फ्रेम किए जा चुके हैं। जिला न्यायाधीश के साथ चर्चा के बाद, उनकी पेशी की प्रक्रिया को तय किया जा रहा है।घायलों और संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई
सचिन पायलट ने सरकार से अपील की है कि हिंसा में घायल हुए लोगों को उचित मुआवजा मिले और उनकी संपत्ति के नुकसान की भरपाई हो। उन्होंने कहा,“हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है। लेकिन सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह पीड़ितों की मदद करें।”