शोभना शर्मा। राजस्थान के चूरू जिले में स्थित प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर से एक अनोखी और चर्चित घटना सामने आई है। यहां दिलकुश ओझा नामक एक भक्त ने भगवान सालासर बालाजी के साथ एग्रीमेंट किया है, जिसमें उन्होंने अपनी आय का 5% हिस्सा हर महीने मंदिर को दान करने का संकल्प लिया है। यह मामला इसलिए भी विशेष है क्योंकि भक्त ने बाकायदा एक गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट किया और उसे मंदिर के पुजारी नितिन के समक्ष प्रस्तुत किया।
कैसे हुआ एग्रीमेंट?
दिलकुश ओझा, जो कि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले हैं, ने 20 सितंबर 2024 को 50 रुपये के स्टाम्प पेपर पर यह एग्रीमेंट तैयार किया। इस एग्रीमेंट में उन्होंने अपनी आय का 5% सालासर बालाजी को हर महीने दान करने का वचन दिया। स्टाम्प पेपर में लिखा गया है कि दिलकुश ओझा अपनी आय के स्रोत, जैसे कोर्ट और जिला परिवहन कार्यालय से मिलने वाली आय का 5% हिस्सा सालासर बालाजी मंदिर को समर्पित करेंगे।
इस एग्रीमेंट को सालासर बालाजी मंदिर के पुजारी नितिन की उपस्थिति में पूरा किया गया। एग्रीमेंट के अनुसार, दिलकुश हर महीने अपनी कमाई का 2% हिस्सा भी मंदिर या किसी सरकारी सेवा में दान करेंगे। इस एग्रीमेंट के चलते सोशल मीडिया पर चर्चा और हलचल मच गई है, क्योंकि यह एक असाधारण घटना है जो लोगों को अचंभित कर रही है।
सालासर बालाजी मंदिर की विशेषता
सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में स्थित है और यह मंदिर विश्वभर में अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। जयपुर-बीकानेर राजमार्ग पर स्थित इस मंदिर में हर साल लाखों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। खास बात यह है कि यह मंदिर भगवान हनुमान के बालाजी स्वरूप को समर्पित है और इसे चमत्कारी मंदिर माना जाता है।
यहां भक्त अपनी मन्नतें मांगने और भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए आते हैं। सामान्यतया लोग मंदिर में नकद, सोना-चांदी और अन्य प्रकार की वस्तुएं दान करते हैं, लेकिन दिलकुश ओझा का भगवान से एग्रीमेंट करना एक अनूठी घटना है जिसने मंदिर को एक नई पहचान दिलाई है।
एग्रीमेंट में क्या लिखा है?
दिलकुश ओझा ने अपने एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि वह अपनी समस्त आय के 5% हिस्से को भगवान सालासर बालाजी को समर्पित करेंगे। उनके द्वारा स्टाम्प पेपर में यह भी लिखा गया है कि वे हर महीने अपनी कमाई का 2% हिस्सा बालाजी मंदिर या किसी सरकारी सेवा में दान करेंगे। इस अनूठे एग्रीमेंट ने दिलकुश ओझा की भगवान के प्रति गहरी श्रद्धा को दर्शाया है।
एग्रीमेंट में लिखा है:
“दिलकुश ओझा पुत्र जमना लाल ओझा तहसील आसींद जिला भीलवाड़ा यह साझेदारी करार विश्व सम्राट सालासर बालाजी राजस्थान के साथ करता हूं कि मेरी समस्त कोर्ट व जिला परिवहन कार्यालय व अन्य स्त्रोत से मेरी निजी आय का 5 प्रतिशत हिस्सा सालासर बालाजी को समर्पित करूंगा।”
भक्त की श्रद्धा की मिसाल
यह एग्रीमेंट दिलकुश ओझा की भगवान बालाजी के प्रति उनकी गहरी आस्था को दिखाता है। उन्होंने अपनी आय का एक हिस्सा भगवान को समर्पित करने का यह अनूठा तरीका चुना, जो दर्शाता है कि भगवान के प्रति उनकी भक्ति कितनी गहरी है। यह घटना अन्य भक्तों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है और भक्तों के बीच अपनी श्रद्धा को दर्शाने के नए-नए तरीके प्रकट हो सकते हैं।
सालासर बालाजी मंदिर में भक्तों की बढ़ती संख्या
सालासर बालाजी मंदिर में प्रतिवर्ष लाखों भक्त आते हैं और यह मंदिर दुनियाभर में भगवान हनुमान के प्रति लोगों की असीम भक्ति का केंद्र बन चुका है। इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां आकर भगवान बालाजी से मन्नत मांगता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
देशभर से यहां श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और अपनी भक्ति के अलग-अलग रूपों में भगवान को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। कुछ लोग सोना-चांदी और नकद दान करते हैं, जबकि कुछ लोग विशेष पूजा करवाते हैं। लेकिन दिलकुश ओझा का भगवान से एग्रीमेंट करने का यह तरीका एक अनोखी मिसाल है, जो मंदिर में नई सुर्खियां ला रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मामला
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर दिलकुश ओझा की भगवान से इस अनोखी डील की काफी चर्चा हो रही है। लोग इसे अनोखी भक्ति का एक उदाहरण मान रहे हैं और कई लोग इससे प्रेरित होकर अपनी आस्था को भी इसी तरह जताने की सोच रहे हैं। मंदिर के पुजारी नितिन ने इस घटना की पुष्टि की और बताया कि इस तरह की भक्ति मंदिर के इतिहास में पहली बार देखी गई है।