शोभना शर्मा। अजमेर और नसीराबाद के ग्रामीण इलाकों में गुरुवार को संदिग्ध डिवाइस मिलने की घटना ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को सतर्क कर दिया। अजमेर के गंज थाना क्षेत्र के आरकेपुरम जंगलों में ग्रामीणों ने पहली बार इस डिवाइस को देखा और तुरंत पुलिस को सूचित किया। इसके अलावा, नसीराबाद के भटियानी गांव में भी इसी तरह का एक उपकरण खेतों में गिरा हुआ पाया गया।
गंज थाना क्षेत्र की घटना
गुरुवार सुबह गंज थाना क्षेत्र के आरकेपुरम के जंगलों में ग्रामीणों को एक संदिग्ध डिवाइस दिखाई दिया। डिवाइस पर एक छोटा सा बैलून और अन्य उपकरण जुड़े हुए थे। ग्रामीणों को यह उपकरण असामान्य लगा, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही गंज थाना प्रभारी महावीर सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने डिवाइस का निरीक्षण किया और पाया कि इस पर “जोधपुर मौसम विभाग” लिखा हुआ है। साथ ही, इस पर एक संपर्क नंबर भी अंकित था। जांच के दौरान पुलिस ने इस नंबर पर संपर्क किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह उपकरण जोधपुर मौसम विभाग द्वारा छोड़ा गया था।
नसीराबाद की घटना
दूसरी घटना नसीराबाद विधानसभा के भटियानी गांव में घटी। यहां खेत में ग्रामीणों ने ऐसा ही एक उपकरण पाया। इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई, जिसके बाद नसीराबाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। डिवाइस के संदिग्ध दिखने की वजह से पुलिस ने सेना से भी इसकी जांच करवाई।
जांच में यह तथ्य सामने आया कि यह उपकरण मौसम विभाग का है, जिसे मौसम की स्थिति का अध्ययन करने के लिए छोड़ा गया था। बैलून के फटने के बाद यह उपकरण जमीन पर गिर गया था।
जोधपुर मौसम विभाग की पुष्टि
गंज थाना प्रभारी महावीर सिंह ने जानकारी दी कि डिवाइस पर लिखे नंबर के जरिए जोधपुर मौसम विभाग से संपर्क किया गया। मौसम विभाग ने पुष्टि की कि यह उपकरण उन्होंने छोड़ा था। यह उपकरण तापमान और मौसम की स्थिति का आकलन करने के लिए बैलून के जरिए छोड़ा गया था।
मौसम विभाग के अनुसार, इस तरह के उपकरण आमतौर पर हवा में छोड़े जाते हैं, ताकि वे ऊंचाई पर जाकर मौसम संबंधी आंकड़े एकत्र कर सकें। हालांकि, जब बैलून फट जाता है, तो उपकरण जमीन पर गिर जाता है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
दोनों घटनाओं ने ग्रामीणों के बीच उत्सुकता और हलचल मचा दी। कई लोगों ने इसे संदिग्ध मानते हुए पुलिस को सूचना दी। हालांकि, पुलिस और मौसम विभाग की ओर से स्पष्टता मिलने के बाद स्थिति सामान्य हो गई