मनीषा शर्मा। राजस्थान में सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में विशेष अभियान दल (एसओजी) ने कार्रवाई तेज कर दी है। इस कड़ी में एसओजी ने सगे बहन-भाई को गिरफ्तार किया है, जिनका नाम प्रियंका विश्नोई और दिनेश विश्नोई है। दोनों फिलहाल राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में प्रशिक्षण ले रहे थे। एसओजी की पूछताछ में इन दोनों ने अपने गुनाह कबूल कर लिए हैं, जिसके बाद इन्हें हिरासत में ले लिया गया।
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि इस पेपर लीक मामले में जैसे-जैसे नई जानकारियाँ सामने आ रही हैं, एसओजी उन पर कार्रवाई कर रही है। जांच और पुष्टि के बाद दोषियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। रविवार को हुई कार्रवाई में एसओजी ने दोनों सगे बहन-भाई को गिरफ्तार किया, जो एसआई के पद पर चयनित हुए थे।
कैसे हुआ पेपर लीक?
दिनेश विश्नोई ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने पेपर भूपेंद्र सारण गैंग से खरीदा था। भूपेंद्र सारण, जो पहले भी कई अन्य पेपर लीक मामलों में लिप्त रहा है, ने इस बार एसआई परीक्षा का पेपर उपलब्ध करवाया। दिनेश ने पेपर अपनी बहन प्रियंका के साथ साझा किया, जिसके बाद दोनों ने इसकी तैयारी की और परीक्षा पास की। एसओजी की जांच में यह भी पता चला कि इस पेपर लीक के लिए दिनेश के पिता भागीरथ विश्नोई ने भूपेंद्र सारण के भाई गोपाल सारण को 20 लाख रुपये दिए थे।
भागीरथ विश्नोई, जो एक अफीम तस्करी के मामले में जेल में थे, ने जोधपुर जेल में गोपाल सारण और ओमप्रकाश फौजी से मुलाकात की थी। इसी मुलाकात के बाद गोपाल सारण ने भूपेंद्र सारण के माध्यम से पेपर की व्यवस्था कर दी। इसके बाद जयपुर के हीरापुरा में दिनेश और प्रियंका को पेपर प्राप्त हुआ।
भूपेंद्र सारण और पेपर लीक का बड़ा नेटवर्क
भूपेंद्र सारण को पहले भी 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर लीक और 2022 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक में आरोपी पाया गया था। एटीएस और एसओजी ने उसे बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। इस बार भी भूपेंद्र सारण ने एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कर कुछ अभ्यर्थियों को बेचा था।
पूर्व RPSC सदस्य रामू राम राईका की भूमिका
इस मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य रामू राम राईका भी आरोपी पाए गए हैं। उन्हें उनके बेटे देवेश राईका और बेटी शोभा राईका के लिए एसआई परीक्षा के पेपर की व्यवस्था की गई थी। एसओजी की जांच में खुलासा हुआ कि रामू राईका ने RPSC के तत्कालीन सदस्य बाबूलाल कटारा से पेपर लिया और अपने बच्चों को परीक्षा से छह दिन पहले पेपर पढ़ाया, जिससे वे परीक्षा पास कर सकें। एसओजी ने रामू राम राईका, देवेश और शोभा को भी गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाबूलाल कटारा को जयपुर सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लिया गया है।
एसओजी की अब तक की कार्रवाई
एसओजी की इस पेपर लीक मामले में अब तक 42 चयनित ट्रेनी एसआई और पेपर लीक नेटवर्क से जुड़े 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पहली बार अप्रैल 2023 में इस मामले में कुछ ट्रेनी एसआई की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद से जांच लगातार जारी है। पेपर लीक मामले के जांच में जुड़े लोगों में कई नाम सामने आए हैं और एसओजी के पास अब भी कई अन्य ट्रेनी एसआई रडार पर हैं। राजस्थान पुलिस के अनुसार, इस मामले में एसओजी की जांच प्रक्रिया अनवरत जारी रहेगी और सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।