शोभना शर्मा। जयपुर कंज्यूमर कोर्ट ने बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, अजय देवगन, टाइगर श्रॉफ और विमल पान मसाला निर्माता विमल कुमार अग्रवाल को तलब किया है। आरोप है कि विमल पान मसाले के विज्ञापन में “दाने-दाने में केसर का दम” कहकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, जबकि इसमें केसर मौजूद ही नहीं है।
यह मामला जयपुर के वकील योगेंद्र सिंह बडियाल द्वारा दायर शिकायत पर दर्ज किया गया है। अदालत ने 5 मार्च को सुनवाई की थी और अगली सुनवाई की तारीख 19 मार्च सुबह 10 बजे निर्धारित की गई है।
कंज्यूमर कोर्ट का सख्त रुख
जयपुर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्य हेमलता अग्रवाल की बेंच ने नोटिस जारी किया।
अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर आरोपी या उनके प्रतिनिधि 19 मार्च को पेश नहीं होते, तो एकपक्षीय फैसला सुनाया जाएगा।
क्या हैं आरोप?
शिकायतकर्ता योगेंद्र सिंह बडियाल का दावा है कि विमल पान मसाला के विज्ञापन में “दाने-दाने में केसर का दम” स्लोगन का इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
विज्ञापन के जरिए आम जनता को भ्रमित किया जा रहा है।
वास्तविकता में पान मसाले में केसर की मौजूदगी संदिग्ध है।
इस भ्रामक प्रचार के कारण कंपनी करोड़ों रुपए कमा रही है।
पान मसाले के सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा है।
शाहरुख, अजय, टाइगर जैसे सेलेब्रिटी इस उत्पाद का प्रचार कर रहे हैं, जिससे आम जनता इसे सही मान रही है।
जनता को नुकसान, सेहत पर खतरा
शिकायतकर्ता बडियाल का कहना है कि झूठे विज्ञापन के कारण जनता धोखे का शिकार हो रही है और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे झेल रही है।
पान मसाला का सेवन तंबाकू उत्पादों की तरह हानिकारक है।
सेलेब्रिटी ब्रांड एंबेसडर होने के कारण लोग इसे सही मानकर खरीद रहे हैं।
इसके चलते लोग नियमित रूप से पान मसाला खा रहे हैं, जिससे उनकी सेहत को नुकसान हो रहा है।
क्या चाहता है शिकायतकर्ता?
शिकायतकर्ता ने अदालत से निम्नलिखित मांगें की हैं:
निर्माता कंपनी और प्रचार करने वाले सेलेब्रिटी पर जुर्माना लगाया जाए।
भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद किया जाए।
विमल पान मसाला और अन्य हानिकारक तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
19 मार्च को होगी अहम सुनवाई
अब सबकी नजर 19 मार्च की सुनवाई पर टिकी है, जिसमें यह तय होगा कि शाहरुख, अजय, टाइगर और विमल कुमार अग्रवाल पर क्या कानूनी कार्रवाई होगी।