शोभना शर्मा। राजस्थान में SI परीक्षा को लेकर उठे विवाद ने सियासी माहौल गरमा दिया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, भाजपा के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पुलिस द्वारा छात्रों की आधी रात की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उन्हें छुड़ाने का प्रयास किया।
डोटासरा का मुख्यमंत्री पर हमला
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार छात्रों और जनता के प्रति पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस पूरे मामले में आंखें बंद करके बैठे हैं, मानो समस्या अपने आप हल हो जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री की इस चुप्पी को “कबूतर आंख मीच ले तो बिल्ली उसे छोड़ देगी” जैसी सोच करार दिया। डोटासरा ने सवाल उठाया कि जब राज्य के कैबिनेट मंत्री खुद पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ छात्रों को बचाने के लिए आधी रात को सड़कों पर उतरते हैं, तो यह सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि अगर किरोड़ी लाल मीणा ने कुछ गलत किया है, तो उनके खिलाफ मामला दर्ज हो। वहीं, अगर पुलिस ने गलत तरीके से छात्रों को गिरफ्तार किया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
किरोड़ी लाल मीणा का छात्रों के लिए संघर्ष
भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस घटना को लेकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने पुलिस की आधी रात की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए छात्रों को तुरंत रिहा करने की मांग की। मीणा ने कहा कि यह सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है। किरोड़ी लाल ने छात्रों को पुलिस हिरासत से छुड़ाते हुए कहा कि सरकार को युवाओं की आवाज सुननी चाहिए। उन्होंने इस मामले को युवाओं के भविष्य से जुड़ा बताया और चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने अपने रवैये में सुधार नहीं किया, तो वे बड़ा आंदोलन छेड़ सकते हैं।
टीकाराम जूली का भाजपा सरकार पर हमला
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए इसे युवा विरोधी और महिला विरोधी सरकार करार दिया। उन्होंने कहा कि जयपुर में पुलिस द्वारा छात्रों को आधी रात में गिरफ्तार करना लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने इसे सरकार की दमनकारी नीति का हिस्सा बताया और कहा कि सत्ता के नशे में भाजपा सरकार जनता की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। जूली ने कहा कि यह केवल छात्रों पर अन्याय नहीं है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है। उन्होंने भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि जनता इस अन्याय का जवाब समय पर देगी और लोकतंत्र में ऐसी नीतियों के लिए कोई जगह नहीं है।
सियासी बयानबाजी का प्रभाव
इस पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। जहां कांग्रेस ने भाजपा सरकार को छात्रों और जनता के प्रति असंवेदनशील बताया, वहीं भाजपा के नेता खुद अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े नजर आए। डोटासरा ने भाजपा की अंदरूनी राजनीति पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि एक कैबिनेट मंत्री जब राज्य के गृहमंत्री से गुहार लगाता है, तो यह सरकार की विफलता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर खुलकर सामने आना चाहिए और जनता को जवाब देना चाहिए।