मनीषा शर्मा। राजस्थान में SI (सब-इंस्पेक्टर) भर्ती 2021 को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। परीक्षा के पेपर लीक और प्रक्रियागत खामियों की वजह से यह मामला लगातार चर्चा में है। इस बीच, भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर सरकार पर तीखे सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि एसआई भर्ती को रद्द किया जाना युवाओं के हित में आवश्यक है, लेकिन यह फैसला अब तक क्यों नहीं लिया गया है, इसका जवाब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को देना चाहिए।
पेपर लीक का मामला और SOG की सिफारिश
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि इस परीक्षा के दौरान पेपर लीक हुआ था। इसके अलावा, पुलिस मुख्यालय और एडवोकेट जनरल ने भी इस भर्ती को रद्द करने की अनुशंसा की है। कैबिनेट सब-कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे रद्द करने का सुझाव दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग के एक सदस्य, बाबूलाल कटारा, ने पेपर लीक की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। बताया गया कि पेपर परीक्षा से एक महीने पहले ही रामू राम राईका को दे दिया गया था। किरोड़ी लाल मीणा ने सवाल उठाया कि एक महीने पहले पेपर कहां-कहां तक पहुंचा, यह जांच का विषय है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर दबाव बढ़ा
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त प्रमाण हैं और युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री को तुरंत इस पर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को उन युवाओं का ख्याल रखना चाहिए, जिन्होंने अपनी मेहनत से यह परीक्षा पास की है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में ईमानदारी से सफल हुए उम्मीदवारों का भविष्य अंधकारमय न हो, इसके लिए सरकार को वैकल्पिक समाधान भी निकालना चाहिए।
जोगाराम पटेल का बयान
इस पूरे मामले पर जोगाराम पटेल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एसआई भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही विवादों में रही है। परीक्षा प्रणाली में खामियों की वजह से उम्मीदवारों के बीच विश्वास की कमी हो गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार को उन युवाओं का भी ध्यान रखना चाहिए, जिन्होंने पूरी तैयारी और मेहनत से परीक्षा पास की है।
नए जिलों के पुनर्गठन पर किरोड़ी लाल मीणा की राय
इसके अलावा, राजस्थान में नए जिलों के निरस्त होने पर भी किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए नए जिले राजनीति से प्रेरित थे और जनता को इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा था। भजनलाल सरकार द्वारा इन जिलों को निरस्त करना सही कदम है। पुनर्गठन सही मापदंडों के आधार पर किया गया है, जिससे जनता को बेहतर प्रशासनिक सेवाएं मिल सकेंगी।
निरस्त किए गए जिले
भजनलाल सरकार ने कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद गहलोत राज में बनाए गए 9 नए जिलों और 3 नए संभागों को खत्म कर दिया है। इनमें दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये जिले केवल चुनावी लाभ के लिए बनाए गए थे और इनका कोई ठोस प्रशासनिक आधार नहीं था।
युवाओं के हित में निर्णय की मांग
किरोड़ी लाल मीणा ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री को युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को परीक्षा प्रणाली में सुधार करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
पेपर लीक मामलों पर सख्ती की जरूरत
राजस्थान में पेपर लीक के मामले कोई नई बात नहीं है। इस तरह के घोटाले परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर सख्त कदम नहीं उठाती, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने की संभावना कम है।