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SI पेपर लीक मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण का भाई गोपाल पुणे से गिरफ्तार

SI पेपर लीक मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण का भाई गोपाल पुणे से गिरफ्तार

मनीषा शर्मा। एसआई पेपर लीक मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने एक और महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। गोपाल सारण, जो कि इस पेपर लीक गिरोह के सरगना भूपेंद्र सारण का भाई है, को पुणे से गिरफ्तार कर लिया गया है। गोपाल खुद एक समय एसआई (उप-निरीक्षक) रह चुका है, लेकिन 2020 में उसे क्रूड चोरी के एक मामले में बर्खास्त कर दिया गया था।

पांच दिन की रिमांड पर गोपाल:

SOG के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि गोपाल सारण को पुणे से गिरफ्तार कर जयपुर लाया गया और उसे कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है। जांच में पता चला है कि गोपाल ने पेपर लीक होने के बाद 6 अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया था, जिन्होंने बाद में परीक्षा पास कर एसआई का पद प्राप्त किया। ये सभी फिलहाल राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

पेपर लीक गिरोह से जुड़ा:

गोपाल सारण के इस पेपर लीक गिरोह में गहरे संबंध हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उसने अपने भाई भूपेंद्र सारण से लीक हुए पेपर प्राप्त किए थे और उन्हीं की मदद से अभ्यर्थियों को परीक्षा में सफलता दिलवाई। एसओजी अब उन अभ्यर्थियों पर भी कार्रवाई कर सकती है, जो इस पेपर लीक से जुड़े हैं और वर्तमान में ट्रेनिंग में हैं।

गोपाल का करियर और बर्खास्तगी:

गोपाल सारण का करियर 2011 की एसआई भर्ती से शुरू हुआ था। उसने 2014 में पुलिस सेवा में प्रवेश किया और बाद में 2020 में पाली जिले के बगड़ी थाने में एसएचओ के पद पर तैनात था। लेकिन एक क्रूड चोरी मामले में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

भूपेंद्र सारण का गिरोह:

गोपाल सारण के भाई भूपेंद्र सारण पहले से ही पेपर लीक गिरोह का मुख्य सरगना है। भूपेंद्र का नाम कई अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में भी आ चुका है, जिनमें जीएनएम भर्ती 2011, पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2022 और शिक्षक भर्ती परीक्षा शामिल हैं। उसे पहले ही बेंगलुरु हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया जा चुका है। अब तक इस पूरे मामले में 76 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें 42 ट्रेनी एसआई और 34 गिरोह से जुड़े लोग शामिल हैं।

आगे की जांच:

SOG अब इस मामले में गोपाल से गहन पूछताछ कर रही है, जिससे और भी खुलासे होने की संभावना है। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं गोपाल ने खुद भी अपने एसआई पद के लिए किसी गड़बड़ी का सहारा तो नहीं लिया था।

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