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सैलरी बचत के स्मार्ट तरीके, आसान तरीके से बचत और निवेश

सैलरी बचत के स्मार्ट तरीके, आसान तरीके से बचत और निवेश

शोभना शर्मा, अजमेर। कई लोगों की शिकायत होती है कि चाहे वे कितनी भी मेहनत करके अच्छा-खासा पैसा कमा लें, फिर भी उनके पास कुछ भी बचत नहीं होती। इसका मुख्य कारण यह है कि या तो लोग फिजूल खर्ची में लगे रहते हैं या फिर उनकी जिम्मेदारियों का बोझ इतना अधिक होता है कि सैलरी पूरी तरह से खर्च हो जाती है। ऐसे में अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनकी सैलरी आते ही खत्म हो जाती है, तो आपके लिए बचत करने की आदत डालना जरूरी हो जाता है।

बिना बचत के भविष्य में किसी भी आकस्मिकता का सामना करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, जरूरी है कि आप अपनी सैलरी का एक निश्चित हिस्सा सबसे पहले बचत के रूप में निकालें और फिर उस पैसे को कहीं निवेश करें ताकि आपका और आपके परिवार का भविष्य सुरक्षित रहे। यहां हम आपको दो आसान कदम बताएंगे, जिनसे आप अपनी सैलरी में से बचत करने और उसे सही तरीके से निवेश करने की आदत डाल सकते हैं।

1. सबसे पहले अपनी सैलरी का 20% बचत करें

जब आपकी सैलरी आपके बैंक खाते में क्रेडिट होती है, तो सबसे पहले आपको अपनी इनकम का 20% हिस्सा बचत खाते में ट्रांसफर करना चाहिए। यह काम आपको तुरंत करना होगा ताकि बचे हुए पैसे से ही आप अपने खर्चों की योजना बना सकें। इससे आप न सिर्फ फिजूल खर्ची पर नियंत्रण कर पाएंगे, बल्कि आपकी बचत भी हर महीने निश्चित रूप से हो जाएगी।

उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी सैलरी 40,000 रुपये है, तो उसमें से 20% यानी 8,000 रुपये को तुरंत अपने दूसरे बचत खाते में ट्रांसफर करें। यह एक मजबूत आदत बन जाएगी, जिससे आप बाकी के 32,000 रुपये से अपने सभी खर्चों का प्रबंधन कर सकेंगे। फाइनेंशियल प्लानिंग के अनुसार, हर व्यक्ति को अपनी इनकम का कम से कम 20% हिस्सा बचत और निवेश के लिए अलग करना चाहिए।

2. पहले हफ्ते में ही निवेश करें

अब जब आपने अपनी सैलरी का 20% हिस्सा बचत के तौर पर निकाल लिया है, तो उसे पहले हफ्ते में ही निवेश कर दें। अगर आप महीने के अंत तक निवेश का इंतजार करेंगे, तो खर्चों की वजह से निवेश के लिए रकम नहीं बच पाएगी। इसलिए, निवेश को प्राथमिकता देते हुए महीने के पहले हफ्ते में ही इसे ठिकाने लगाएं।

कहां करें निवेश?

निवेश करने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने पैसे को अलग-अलग जगह निवेश करें। इसका मतलब है कि सारे अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखने चाहिए। आप RD (रिकरिंग डिपॉजिट), PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। इससे आपके पैसे पर बेहतर ब्याज मिलेगा और आप लंबी अवधि में एक अच्छा अमाउंट जोड़ पाएंगे।

उदाहरण के लिए, अगर आपने 8,000 रुपये बचत के रूप में निकाले हैं, तो इसे इस तरह निवेश कर सकते हैं:

  • 3,000 रुपये को SIP में लगाएं
  • 3,000 रुपये को PPF में लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए डालें
  • 2,000 रुपये की शॉर्ट-टर्म SIP या RD में निवेश करें

इस तरह, आपका निवेश विविधतापूर्ण होगा और आप विभिन्न योजनाओं से लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, अगर आप ईपीएफओ (EPFO) में पहले से कॉन्ट्रीब्यूशन कर रहे हैं, तो आप वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के जरिए अपना कॉन्ट्रीब्यूशन बढ़ा सकते हैं। VPF में भी आपको अच्छा ब्याज मिलता है और यह आपकी बचत को बढ़ाता है।

फिजूल खर्चों पर लगाम लगाएं

बचत और निवेश को बढ़ाने के लिए यह भी जरूरी है कि आप अपने गैर-जरूरी खर्चों पर नियंत्रण रखें। कुछ आसान टिप्स:

  • अगर आपको सिगरेट या शराब की आदत है, तो इसे छोड़ने की कोशिश करें।
  • बाहर खाने पर खर्च कम करें, अगर आप महीने में दो बार बाहर जाते हैं, तो इसे एक बार कर दें।
  • क्रेडिट कार्ड के धड़ल्ले से इस्तेमाल से बचें।
  • दोस्तों के साथ बार-बार पार्टी करने से बचें।
  • ऑफर के चक्कर में गैर-जरूरी चीजें न खरीदें।

ये छोटे-छोटे बदलाव आपके खर्चों पर बड़ी बचत करने में मदद करेंगे और आपकी बचत योजना को बेहतर बनाएंगे।

दीर्घकालिक फायदे

अगर आपने नियमित रूप से अपनी सैलरी का 20% बचत और निवेश करना शुरू कर दिया, तो इसका आपको दीर्घकालिक फायदा मिलेगा। फाइनेंशियल प्लानिंग में नियमित बचत और सही जगह निवेश से आप समय के साथ बड़ा अमाउंट जोड़ सकते हैं। इससे आप न केवल अपने रिटायरमेंट के लिए अच्छी तैयारी कर सकते हैं, बल्कि किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए भी खुद को तैयार रख सकते हैं।

सैलरी का 20% बचत और निवेश करना आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। यह न केवल आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा बल्कि आपको अपनी प्राथमिकताओं और जरूरतों के बीच सही संतुलन बनाने में भी मदद करेगा। शुरुआत में भले ही यह आदत बनाना कठिन हो, लेकिन एक बार जब आप इसे अपना लेंगे, तो आप अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे और एक सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर पाएंगे।

इसलिए, अगली बार जब आपकी सैलरी अकाउंट में क्रेडिट हो, तो सबसे पहले अपनी इनकम का 20% हिस्सा बचत के रूप में अलग करें और महीने के पहले हफ्ते में ही इसे सही जगह निवेश करें।

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