मनीषा शर्मा । राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भर्ती परीक्षाओं में नकल और धांधली की समस्या को खत्म करने के लिए कई सख्त उपाय लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत स्पेशल सिक्योरिटी एजेंसी की मदद से परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा कड़ी की जाएगी। इसके अलावा, बायोमेट्रिक अटेंडेंस, फेस स्कैनिंग, और आई-राइज स्कैनिंग जैसे हाई-टेक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन आलोक राज ने बताया कि ये नए नियम फरवरी 2025 में आयोजित होने वाली जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा से लागू होंगे। इसके बाद यह प्रक्रिया भविष्य में होने वाली सभी परीक्षाओं पर लागू रहेगी।
स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की तैनाती
परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के लिए अब राज्य पुलिस या होमगार्ड की बजाय एक स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स तैनात की जाएगी। यह एजेंसी परीक्षा से पहले सभी उम्मीदवारों को मेटल डिटेक्टर से जांचने के बाद ही एंट्री देगी।
एजेंसी की जिम्मेदारी सिर्फ उम्मीदवारों की एंट्री तक सीमित नहीं होगी, बल्कि परीक्षा के दौरान भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार का मेटल डिवाइस या अन्य नकल सामग्री परीक्षा केंद्र में न लाई जा सके।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस, फेस और आई-राइज स्कैनिंग
डमी और फर्जी उम्मीदवारों को रोकने के लिए अब बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के साथ फेस स्कैनिंग और आई-राइज स्कैनिंग का प्रावधान किया गया है। इन उपायों से न सिर्फ परीक्षा में प्रवेश के समय सख्ती बरती जाएगी, बल्कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान भी फर्जी उम्मीदवारों की पहचान आसानी से हो सकेगी।
यह तकनीक यह सुनिश्चित करेगी कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
सीसीटीवी और वीडियो रिकॉर्डिंग से हर पल की निगरानी
भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए परीक्षा के हर चरण की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। सभी परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि परीक्षा के दौरान की हर गतिविधि का ऑनलाइन रिकॉर्ड रखा जा सके।
आलोक राज ने बताया कि यह कदम परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। इसके माध्यम से परीक्षा के दौरान होने वाली हर गतिविधि का सटीक दस्तावेज उपलब्ध होगा।
ड्रेस कोड में बदलाव
भर्ती परीक्षाओं के दौरान नकल की संभावना को खत्म करने के लिए ड्रेस कोड में भी बदलाव किया गया है। सर्दी के मौसम के लिए नवंबर से फरवरी तक अभ्यर्थियों को कोट, जैकेट, और पूरी आस्तीन के शर्ट पहनने की अनुमति दी गई है। हालांकि, इनमें मेटल बटन, चेन, या अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं नहीं होनी चाहिए।
महिलाओं को साधारण रबर बैंड या हेयर पिन का उपयोग करने की अनुमति होगी। यदि किसी अभ्यर्थी की ड्रेस पर संदेह होता है, तो उसे परीक्षा केंद्र पर पूरी तलाशी देनी होगी।
मार्च से अक्टूबर के दौरान आयोजित परीक्षाओं के लिए ड्रेस कोड अलग होगा। पुरुष आधी और पूरी आस्तीन के शर्ट या टी-शर्ट पहन सकते हैं, जबकि महिलाएं सलवार सूट, साड़ी, या चुन्नी पहन सकती हैं।
मेटल डिवाइस और अन्य वस्तुओं पर प्रतिबंध
भर्ती परीक्षाओं में मेटल डिवाइस, बड़े बटन, जड़ाऊ पिन, और मेटल चेन वाले जूते पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। इसके अलावा, अभ्यर्थियों को टाई, मफलर, शॉल, या जरकिन पहनने की अनुमति नहीं होगी।
परीक्षा केंद्र पर प्रवेश के दौरान यदि कोई उम्मीदवार निर्धारित ड्रेस कोड का उल्लंघन करता पाया गया, तो परीक्षा से संबंधित अधिकारी का निर्णय अंतिम और मान्य होगा।
निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड का यह कदम भर्ती परीक्षाओं को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए है। पिछले वर्षों में परीक्षा में नकल और धांधली के कई मामले सामने आए हैं, जिससे परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठे थे।
आलोक राज ने कहा कि इन नए उपायों से नकल और धांधली की घटनाओं को पूरी तरह से समाप्त करना संभव होगा। इससे न केवल योग्य उम्मीदवारों को अवसर मिलेगा, बल्कि राज्य की भर्ती प्रणाली पर जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।
नकल रोकने के लिए मजबूत कदम
भर्ती परीक्षा में नकल और धांधली रोकने के लिए यह पहली बार है जब इस तरह के कठोर और हाई-टेक उपाय लागू किए जा रहे हैं। फेस और आई-राइज स्कैनिंग जैसी तकनीकें फर्जी उम्मीदवारों की पहचान सुनिश्चित करेंगी।
इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरे और वीडियो रिकॉर्डिंग से परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी। इन उपायों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योग्य उम्मीदवार ही परीक्षा में सफलता हासिल करें।