शोभना शर्मा। फेस्टिवल सीजन के दौरान मिलावटखोरी की घटनाओं पर सख्ती से नजर रखने के लिए राजस्थान सरकार ने राज्य भर में बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू कर दी है। इस साल भी, दीवाली और दशहरे के त्योहारों को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने कोटा और झुंझुनूं में व्यापक कार्रवाई की है, जिसमें नकली मिठाइयां बनाने वाले कारखानों को पकड़ा गया और मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदारों पर शिकंजा कसा गया है।
झुंझुनूं में नकली कलाकंद का भंडाफोड़
झुंझुनूं जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी सफलता हासिल की है। राजधानी जयपुर से आई खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर स्थित एक नकली कलाकंद बनाने वाले कारखाने पर छापा मारा। इस कार्रवाई में टीम ने लगभग 4 क्विंटल नकली कलाकंद और इससे बनी अन्य मिलावटी मिठाइयां जब्त कीं।
यह छापेमारी दीपावली से कुछ दिन पहले हुई, जिससे न केवल नकली मिठाइयों का भंडाफोड़ हुआ, बल्कि शहर में अन्य मिठाई विक्रेताओं में भी हड़कंप मच गया है। यह खुलासा तब और चौंकाने वाला था जब यह पता चला कि नकली मिठाई बनाने वाला यह कारखाना सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) ऑफिस से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित था। इसके बावजूद, स्थानीय अधिकारियों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
राजधानी जयपुर से आई टीम की कार्रवाई
राजधानी जयपुर से आए चिकित्सा विभाग के सयुंक्त निदेशक डॉ. एसएन धौलपुरिया ने स्थानीय खाद्य सुरक्षा दस्ते के साथ मिलकर मंडावा सर्किल स्थित एक मिठाई की दुकान पर छापा मारा। इस छापेमारी में कुल 390 किलो नकली कलाकंद जब्त किया गया। चार घंटे तक चली इस कार्रवाई ने झुंझुनूं शहर में मिलावटखोरी के कारोबार पर बड़ा प्रहार किया है। नकली मिठाइयों की बिक्री आम जनता के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है, खासकर त्योहारों के समय जब मिठाइयों की मांग में अत्यधिक वृद्धि होती है।
कोटा में दशहरा मेले पर छापा
राजस्थान के कोटा शहर में भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने त्योहारी सीजन को देखते हुए बड़े स्तर पर मिलावट के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत कोटा शहर के विभिन्न स्थानों पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मावा, पनीर, खाद्य तेल और अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए भेजा।
विशेष रूप से, कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले में लगी खाद्य पदार्थों की दुकानों और अदालत परिसर में स्थित कैंटीन में भी छापेमारी की गई। टीम ने यहां से भी खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा है ताकि त्योहार के दौरान लोगों को सुरक्षित और मिलावट रहित खाद्य पदार्थ मिल सकें।
मिलावटखोरी के खिलाफ सरकार की सख्ती
राजस्थान सरकार ने मिलावटखोरी को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। त्योहारों के दौरान मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं, जिससे आम लोगों की सेहत को गंभीर खतरा होता है। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी इस दिशा में एक अहम कदम है। विभाग का उद्देश्य त्योहारों के समय मिलावटी उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाना और आम जनता को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना है।
लोगों की सेहत पर मंडरा रहा खतरा
त्योहारी सीजन में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है, जिससे बाजार में मिलावटी मावा, नकली कलाकंद और अन्य मिलावटी मिठाइयों की भरमार हो जाती है। मिलावट से बनी ये मिठाइयां न केवल स्वाद और गुणवत्ता में कमी करती हैं, बल्कि लोगों की सेहत को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग की छापेमारी इस समस्या को रोकने में अहम भूमिका निभा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नकली मावा और मिठाइयों का सेवन करने से खाद्य जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे पेट संबंधी बीमारियां, फूड पॉइजनिंग और यहां तक कि किडनी और लीवर पर भी बुरा असर हो सकता है। त्योहारों के दौरान इस तरह की मिलावटी मिठाइयों का सेवन लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि लोग स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य पदार्थों का ही चयन करें।