मनीषा शर्मा। राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में हुए एसडीएम थप्पड़कांड विवाद को लेकर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की रिहाई के लिए कई जिलों में व्यापक प्रदर्शन हुए। टोंक, जयपुर, सवाई माधोपुर, दौसा और धौलपुर में उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन से मांगें पूरी करने की चेतावनी दी।
समाज ने नरेश मीणा की रिहाई, समरावता गांव में दोषियों पर कार्रवाई, निष्पक्ष जांच और निर्दोष लोगों को रिहा करने जैसी मांगें रखीं।
क्या है पूरा मामला?
13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान, समरावता गांव स्थित बूथ पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया।
- आरोप:
नरेश मीणा का आरोप था कि चुनाव बहिष्कार के बावजूद प्रशासन ने गांव में वोटिंग कराई। - प्रतिक्रिया:
घटना के बाद गांव में आगजनी और तोड़फोड़ हुई।
14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से ही रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
प्रदर्शन और मांगें
जयपुर:
- वाटिका रोड पर प्रदर्शन:
राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ ने प्रदर्शन किया।- प्रशासन पर महिला, बुजुर्ग और बच्चों पर बर्बरता का आरोप।
- युवाओं ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और ‘नरेश मीणा को रिहा करो’ जैसे नारे लगाए।
टोंक:
- शांतिपूर्ण रैली और ज्ञापन:
समाज के लोग डाक बंगले से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।- मांगें:
- नरेश मीणा की तत्काल रिहाई।
- दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई।
- समरावता में न्यायिक जांच।
- मांगें:
- प्रदर्शन में कई राजनीतिक नेताओं ने भी भाग लिया।
दौसा:
- BAP विधायकों का समर्थन:
प्रदर्शन में BAP विधायकों थावरचंद डामोर और जयकृष्ण पटेल समेत कांग्रेस नेता सुरेंद्र गुर्जर शामिल हुए।- प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट घेरकर नारेबाजी की।
- पुलिस और STF के जवानों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया।
सवाई माधोपुर:
- एसडीएम कार्यालय का घेराव:
बौंली में समर्थकों ने पैदल मार्च और एसडीएम कार्यालय का घेराव किया।- मांग: समरावता गांव से पुलिस जाब्ता हटाया जाए।
धौलपुर:
- जुलूस और चेतावनी:
बाड़ी कस्बे में सर्व समाज ने जुलूस निकाला।- ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन उग्र होगा।
प्रमुख मांगें
प्रदर्शनकारियों की मांगों में शामिल हैं:
- नरेश मीणा की रिहाई:
निर्दोष लोगों को तत्काल रिहा किया जाए। - दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई:
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो। - महिलाओं और बच्चों पर हुई कार्रवाई की जांच:
समरावता गांव में हुई घटनाओं पर न्यायिक जांच हो। - ग्रामीणों के नुकसान का मुआवजा:
आगजनी और हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई की जाए। - समरावता गांव में भयमुक्त माहौल:
गांव से पुलिसकर्मियों को हटाया जाए।
राजनीतिक समर्थन और प्रशासन का रुख
राजनीतिक हस्तक्षेप:
BAP और कांग्रेस के नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को समर्थन देते हुए प्रशासन पर सवाल उठाए।
प्रशासन का बयान:
- प्रशासन ने अभी तक मांगों पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है।
- पुलिस तैनाती: हिंसा की आशंका को देखते हुए प्रदर्शन स्थलों पर कड़ी सुरक्षा रखी गई।
आगे की रणनीति और चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि:
- यदि मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन और उग्र होगा।
- राज्य के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन तेज किए जाएंगे।