मनीषा शर्मा। भरतपुर की महाराजा सूरजमल ब्रज यूनिवर्सिटी में सोमवार को उस समय हंगामा मच गया जब एक छात्र ने कुलपति रमेश चंद्रा का रास्ता रोक लिया। यह घटना अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 60वें अधिवेशन के दौरान हुई। कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े भी मौजूद थे। डिग्री कैंसिल के मामले में कुलपति से नाराज छात्र विष्णु खेमरा ने ऑडिटोरियम से बाहर निकलते समय उनका रास्ता रोक लिया और बहस करने लगा। विष्णु ने कुलपति से पूछा, “आपने मेरी डिग्री क्यों कैंसिल की? मेरा भविष्य क्यों खराब किया?”
छात्र ने कुलपति पर लगाए गंभीर आरोप
छात्र विष्णु खेमरा ने बताया कि उनकी बीए की डिग्री 30 सितंबर 2024 को कैंसिल कर दी गई थी। उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि वे राज्यपाल से भी मिल चुके हैं, जिन्होंने 8 दिनों के भीतर समाधान का आश्वासन दिया था। लेकिन, समस्या का हल नहीं हुआ। विष्णु ने कहा कि वे कुलपति से इस मुद्दे पर बात करना चाहते थे, लेकिन कुलपति ने केवल यह कहकर वहां से निकलने की कोशिश की कि इस मामले को लेकर “पर्सनल मिलना।”
कुलपति ने छात्र पर लगाए गंभीर आरोप
कुलपति रमेश चंद्रा ने डिग्री कैंसिल करते हुए विष्णु खेमरा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि छात्र ने यूनिवर्सिटी में कई बार अनुशासनहीनता की है।
- कुलपति का आरोप:
- विष्णु ने जबरन यूनिवर्सिटी परिसर में घुसकर टीचर्स और स्टूडेंट्स के फोटो लिए।
- कर्मचारियों और अधिकारियों को धमकाया।
- फीमेल टीचर्स का रास्ता रोका और उत्पीड़न की कोशिश की।
- कुलपति आवास और सचिवालय में जबरन घुसकर गाली-गलौज की।
- यहां तक कि कुलपति के दिल्ली स्थित आवास तक रेकी की और परिजनों को जान से मारने की धमकी दी।
इन आरोपों के आधार पर ही विष्णु की डिग्री कैंसिल की गई।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का अधिवेशन
यह घटना तब हुई जब ब्रज यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 60वां अधिवेशन आयोजित किया जा रहा था। इस कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की तस्वीर के आगे दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इसमें विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी, यूनिवर्सिटी के कुलपति रमेश चंद्रा और अन्य कर्मचारी मौजूद थे। अधिवेशन के दौरान शहर के मुख्य बाजारों में शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र और पदाधिकारी शामिल हुए।
डिग्री कैंसिल विवाद ने लिया बड़ा रूप
डिग्री कैंसिल करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक तरफ छात्र विष्णु खेमरा इसे अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं, वहीं कुलपति रमेश चंद्रा इसे विश्वविद्यालय की गरिमा को बनाए रखने का कदम मानते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे विवादों से विश्वविद्यालय की छवि प्रभावित होती है। हालांकि, कुलपति का कहना है कि विश्वविद्यालय के अनुशासन को बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाए गए हैं।
राज्यपाल की भूमिका
डिग्री कैंसिल विवाद को लेकर छात्र पहले ही राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े से मिल चुके हैं। राज्यपाल ने 8 दिनों के भीतर समाधान का आश्वासन दिया था। लेकिन, विवाद का समाधान नहीं हो पाया है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से मामले को गंभीरता से लेने और समाधान निकालने की अपील की है।