मनीषा शर्मा। राजस्थान के स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को अब न केवल उनके शैक्षणिक प्रदर्शन बल्कि उनके व्यवहार और पर्यावरण संरक्षण में योगदान के आधार पर भी अंक दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग की नई गाइडलाइन के अनुसार, 6th से 12th तक के स्टूडेंट्स को 14 से 22 अंकों तक का मूल्यांकन उनके प्रोजेक्ट, थर्ड टेस्ट, अच्छे व्यवहार और पौधारोपण के आधार पर किया जाएगा। यह नई पहल 11 सितंबर को शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
शिक्षा विभाग की अनूठी पहल
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य न केवल छात्रों के शैक्षणिक स्तर में सुधार करना है, बल्कि उनके सामाजिक और नैतिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने कहा, “इस पहल के तहत छात्रों को प्रोजेक्ट और थर्ड टेस्ट के साथ ही उनके अच्छे व्यवहार और पौधारोपण के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इससे न केवल उनका शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर होगा बल्कि उनके व्यक्तित्व का भी सर्वांगीण विकास होगा।”
स्टूडेंट्स बनेंगे पर्यावरण के संरक्षक
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस पहल के तहत स्टूडेंट्स को अपने स्कूल, घर, या सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा, “पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम के जरिए स्टूडेंट्स पर्यावरण के रक्षक बनकर प्रदेश को हरा-भरा बनाने में मदद करेंगे।”
इस कार्य की मॉनिटरिंग के लिए जियो टैगिंग और शिक्षकों की सहायता ली जाएगी। स्टूडेंट्स द्वारा लगाए गए पौधों की स्थिति और देखभाल की निगरानी की जाएगी, और उसी के आधार पर उन्हें अंक दिए जाएंगे।
थर्ड टेस्ट: परीक्षा के बाद का मूल्यांकन
शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार, थर्ड टेस्ट अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद आयोजित किया जाएगा। इस टेस्ट में छात्रों को उनके अब तक किए गए अध्ययन के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। हालांकि, बोर्ड की कक्षाओं (10th और 12th) के छात्रों के लिए थर्ड टेस्ट का आयोजन नहीं होगा। यह टेस्ट कक्षा 6th, 7th, 9th और 11th के छात्रों के लिए आयोजित किया जाएगा और उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे।
प्रोजेक्ट और सामाजिक गतिविधियां
स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ स्टूडेंट्स को सामाजिक और सामुदायिक गतिविधियों में शामिल करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट्स दिए जाएंगे। छात्रों को विभिन्न विषयों पर प्रोजेक्ट्स सौंपे जाएंगे, जिन्हें वे फाइनल एग्जाम से पहले पूरा कर सबमिट करेंगे। इन प्रोजेक्ट्स के आधार पर भी छात्रों को अंक दिए जाएंगे। इसका उद्देश्य छात्रों में रचनात्मकता और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है।
शिक्षा का समग्र दृष्टिकोण
शिक्षा विभाग की यह पहल छात्रों को अकादमिक सफलता के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी सिखाने के उद्देश्य से की गई है। छात्रों का मूल्यांकन अब केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उनके अच्छे व्यवहार और पर्यावरण के प्रति उनकी जागरूकता के आधार पर भी किया जाएगा। इस पहल से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अधिक जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।
राजस्थान के स्कूलों में यह नई पहल शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण को साथ लेकर चलने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार होगा, बल्कि वे अपने सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक होंगे। शिक्षा विभाग की यह योजना छात्रों के समग्र विकास की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जिसका परिणाम जल्द ही देखने को मिलेगा।