शोभना शर्मा। जोधपुर की MBM यूनिवर्सिटी में अब ट्रेन एक्सीडेंट रोकने वाले ‘कवच’ सिस्टम की पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके लिए इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नलिंग एंड टेलीकम्युनिकेशंस (इरिसेट) सिकंदराबाद और MBM यूनिवर्सिटी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) साइन हुआ है। इस MoU के तहत स्टूडेंट्स को निशुल्क ‘कवच’ प्रणाली का कोर्स कराया जाएगा, जिसमें 6 महीने से 2 साल तक की अवधि वाले कोर्स उपलब्ध होंगे।
रेलवे की ‘कवच’ प्रणाली ट्रेन एक्सीडेंट्स को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर दो ट्रेनें गलती से एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं, तो यह ऑटोमैटिक ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देती है, जिससे दुर्घटनाएं टल जाती हैं। सर्दियों के घने कोहरे में यह सिस्टम ट्रेन की स्पीड को भी नियंत्रित करता है, जिससे हादसे से बचा जा सके।
कवच प्रणाली का महत्व
रेलवे की ‘कवच’ तकनीक एक ऑटोमैटिक रेल प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी है, जो इंजन माइक्रोप्रोसेसर, GPS और रेडियो संचार के जरिए सिग्नल सिस्टम और कंट्रोल टॉवर से जुड़ती है। इस सिस्टम के जरिए, यदि दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर होती हैं, तो कवच सिस्टम ऑटोमैटिक ब्रेक लगाकर टक्कर को रोक देता है। खासकर घने कोहरे के दौरान यह प्रणाली ट्रेन चालक को सिग्नल की जानकारी देती है और दुर्घटनाएं रोकती है।
कवच कोर्स का लाभ
यह कोर्स इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के लिए शुरू किया गया है, जिसमें कम्प्यूटर साइंस, IT, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल के स्टूडेंट्स हिस्सा ले सकेंगे। इस कोर्स की फीस यूनिवर्सिटी द्वारा नहीं ली जाएगी और इसका पूरा खर्च रेलवे उठाएगा। यह कोर्स PG डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के रूप में होगा। एमओयू के तहत, स्टूडेंट्स को रेलवे सिग्नलिंग और ‘कवच’ प्रणाली की ट्रेनिंग दी जाएगी।
एमओयू के तहत सहयोग
यह एमओयू 5 वर्षों के लिए साइन किया गया है, जिसे आपसी सहमति से आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस समझौते के अंतर्गत, MBM यूनिवर्सिटी और इरिसेट रिसर्च और डेवलपमेंट में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। इसके तहत सिग्नलिंग, टेलीकम्युनिकेशन, और कवच प्रणाली पर स्किल डेवलपमेंट और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग की जाएगी।
प्रशिक्षण और रिसर्च सुविधाएं
एमओयू के तहत स्टूडेंट्स को हॉस्टल और मेस सुविधा भी दी जाएगी। साथ ही, इरिसेट द्वारा जोनल रेलवे डिवीजनों में वोकेशनल ट्रेनिंग और साइट विजिट्स का आयोजन किया जाएगा। यह कोर्स इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए भविष्य में रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा।
समन्वय समिति का गठन
इस एमओयू की देखरेख और समन्वय के लिए एक समन्वय समिति का गठन भी किया जाएगा। इसमें MBM यूनिवर्सिटी और इरिसेट के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो इस कोर्स और रिसर्च के समन्वय और मॉनिटरिंग का काम करेंगे।
रेलवे के इस कदम से देश के युवाओं को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। ‘कवच’ प्रणाली की पढ़ाई और ट्रेनिंग से न केवल रेलवे की सुरक्षा प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि इसका लाभ आने वाले वर्षों में देशभर के स्टूडेंट्स को भी मिलेगा।