मनीषा शर्मा। राजस्थान के कोटा में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का स्पीड ट्रायल किया गया। यह ट्रायल भारतीय रेलवे की उन्नत तकनीकी और उच्च गति वाली ट्रेनों को विकसित करने के संकल्प का एक बड़ा उदाहरण है। लखनऊ स्थित अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) की टीम ने इस ट्रायल का नेतृत्व किया।
ट्रायल के दौरान ट्रेन को 30 किलोमीटर लंबे कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन में 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाया गया। इस परीक्षण में ट्रेन को वास्तविक लोडेड स्थिति में जांचा गया, जिसमें यात्रियों और उनके सामान के बराबर वजन रखा गया था।
स्पीड टेस्टिंग और लोडेड स्थिति में परीक्षण
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर रैक का यह ट्रायल 31 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ। जनवरी 2025 के पूरे महीने अलग-अलग रफ्तार पर परीक्षण किया जाएगा। ट्रायल के तहत 130 किमी/घंटा, 140 किमी/घंटा, 150 किमी/घंटा, और 180 किमी/घंटा की गति पर ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम, कपलर फोर्स, एयर सस्पेंशन, और घुमावदार ट्रैक पर प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा रहा है।
ट्रेन को विशेष रूप से कपलर मैकेनिज्म तकनीक से लैस किया गया है, जो कोच को आपस में जोड़ता है। यह तकनीक ट्रेन को हल्का बनाती है और उसकी स्ट्रेंथ बढ़ाती है।
कपलर मैकेनिज्म और नई तकनीकी विशेषताएं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की तकनीकी खूबियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ट्रेन का कपलर मैकेनिज्म ऑस्टेनिटिक स्टील से बना है। इससे ट्रेन का वजन कम होता है और उसकी स्थिरता बढ़ती है।
इस ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता दी गई है। वाइब्रेशन और आवाज को कम करने के लिए विशेष यांत्रिक डिज़ाइन का उपयोग किया गया है। साथ ही, ट्रेन के व्हील और ट्रैक के बीच का हिस्सा इस प्रकार बनाया गया है कि यात्रा के दौरान झटके महसूस नहीं होते।
ट्रायल प्रक्रिया और अगले कदम
31 दिसंबर 2024 को शुरू हुए इस ट्रायल के पहले दिन रोहल खुर्द-चौमहला खंड पर ट्रेन को 130, 140, और 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पर दौड़ाया गया। इसके बाद 1 जनवरी 2025 को, ट्रेन को 180 किमी प्रति घंटा की गति पर रोहल खुर्द से कोटा तक परीक्षण किया गया।
यह ट्रायल जनवरी के पूरे महीने चलेगा। इसके बाद ट्रेन को दिल्ली-मुंबई रूट जैसे लंबे रूटों पर लॉन्च करने की संभावना है।
पहली झलक और ट्रेन की उन्नत डिजाइन
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की पहली झलक 1 सितंबर 2024 को बेंगलुरु स्थित भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) की फैक्ट्री में दिखाई गई थी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेन के कोच और सुविधाओं का निरीक्षण किया था।
ट्रेन में अपग्रेडेड टॉयलेट्स, सेफ्टी फीचर्स, और मेंटेनेंस स्टाफ के लिए अलग केबिन जैसी सुविधाएं हैं। इसकी डिज़ाइन को यात्रियों के आराम और सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
कोटा रेल मंडल: ट्रायल्स का हब
कोटा रेल मंडल भारतीय रेलवे के ट्रायल्स के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है। जुलाई 2024 में डबल डेकर कोच और वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल यहां किया गया। अक्टूबर 2024 में वंदे मेट्रो (नमो भारत रैपिड ट्रेन) का ट्रायल भी कोटा में हुआ।
इन ट्रायल्स के दौरान ट्रेन को लोडेड स्थिति में विभिन्न गति पर चलाकर इसकी प्रदर्शन क्षमता का मूल्यांकन किया गया।