मनीषा शर्मा, अजमेर । अजमेर स्थित ऐतिहासिक आनासागर झील के आसपास वेटलैंड और ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में हुए निर्माण कार्यों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। अदालत ने राजस्थान सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह आगामी एक महीने के भीतर सेवन वंडर्स पार्क को पूरी तरह से हटाए और इसकी अनुपालन रिपोर्ट 16 मई को होने वाली अगली सुनवाई में प्रस्तुत करे।
इस जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा, जबकि याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने स्वयं पैरवी की।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि अब तक सेवन वंडर्स जैसे अवैध निर्माणों को क्यों नहीं हटाया गया जबकि यह क्षेत्र वेटलैंड के तहत संरक्षित है। जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि पार्क को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और अगले 15 से 30 दिनों में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। अदालत ने साफ किया कि अब सरकार को अतिरिक्त समय नहीं मिलेगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि तबीजी और फॉयसागर में प्रस्तावित वेटलैंड के लिए एक समग्र योजना पेश की जाए। कोर्ट ने जोर दिया कि योजना तकनीकी, पर्यावरणीय और व्यावसायिक दृष्टिकोण से पूरी तरह व्यावहारिक होनी चाहिए। यह योजना नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) और अन्य पर्यावरणीय विशेषज्ञों की रिपोर्टों के आधार पर तैयार होनी चाहिए, जिन्हें सरकार अगले 15 दिनों में प्रस्तुत करने का दावा कर रही है।
पाथवे को लेकर भी चर्चा हुई, जो आनासागर झील की परिधि में बनाया गया है। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि पाथवे हटाने से वेटलैंड पर अवैध अतिक्रमण की आशंका बढ़ सकती है। इस पर अदालत ने कहा कि पहले वेटलैंड्स की स्थिति पर समुचित रिपोर्ट और योजना पेश की जाए, फिर पाथवे पर निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले, जिला कलेक्टर की ओर से 31 पृष्ठों का अतिरिक्त हलफनामा कोर्ट में जमा कराया गया था, जिसका याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने 38 पृष्ठों के काउंटर हलफनामे के जरिए जवाब दिया। 17 मार्च को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि फूड कोर्ट को हटाया जाए और उसके बदले दोगुने क्षेत्र में वेटलैंड विकसित करने की योजना बनाई जाए।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी, जिसमें अनुपालन रिपोर्ट, विस्तृत योजना और विशेषज्ञ रिपोर्टों के आधार पर अदालत अंतिम आदेश देने की दिशा में आगे बढ़ सकती है।