मनीषा शर्मा, अजमेर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर को अजमेर दरगाह में एक अनूठा और भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस खास मौके पर दरगाह की विश्व की सबसे बड़ी देग (कड़ाहा) में 4 हजार किलो मीठे चावल पकाए जाएंगे। इन चावलों को प्रसाद के रूप में जायरीनों और आगंतुकों में वितरित किया जाएगा। यह पहला अवसर है जब किसी प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर अजमेर दरगाह में लंगर का आयोजन किया जा रहा है।
चिश्ती फाउंडेशन और इंडियन माइनॉरिटीज का योगदान
अजमेर दरगाह के गद्दीनशीन सैय्यद अफसान चिश्ती ने बताया कि इस विशेष लंगर का आयोजन इंडियन माइनॉरिटीज और चिश्ती फाउंडेशन के तत्वावधान में किया जा रहा है। इस आयोजन के लिए 15 वॉलंटियर्स को जिम्मेदारी दी गई है जो लंगर की तैयारी और प्रसाद वितरण का कार्य करेंगे। आयोजन की तैयारी 16 सितंबर से ही शुरू हो जाएगी, जब कच्ची सामग्री एकत्रित की जाएगी और चावल पकाने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
दरगाह की देग: एक अनूठी परंपरा
अजमेर दरगाह में दो प्रमुख देग हैं—एक छोटी और एक बड़ी। दरगाह की बड़ी देग, जिसे विश्व की सबसे बड़ी देग माना जाता है, में लगभग 4800 किलो चावल पकाने की क्षमता है। वहीं, छोटी देग में 2400 किलो चावल पकाए जा सकते हैं। इन देगों में विशेष रूप से शाकाहारी भोजन ही पकाया जाता है, जिसमें मीठे चावल प्रमुख हैं। दरगाह में मन्नत पूरी होने पर जायरीन इन देगों में प्रसाद पकाते हैं, जिसके लिए बुकिंग की जाती है। चिश्ती ने बताया कि इस विशेष लंगर के आयोजन में बड़ी देग का उपयोग किया जाएगा, जहां 4 हजार किलो मीठे चावल पकाकर श्रद्धालुओं में बांटा जाएगा। यह पहली बार होगा जब किसी प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर इस तरह का आयोजन दरगाह में किया जा रहा है, जो कि ऐतिहासिक है।
दरगाह के वेलफेयर कार्यों में योगदान
दरगाह में देग के माध्यम से प्राप्त होने वाली राशि को वेलफेयर के कार्यों में खर्च किया जाता है। हर महीने अंजुमन कमेटी की ओर से देग का ठेका दिया जाता है, और इससे जुटाई गई रकम समाज सेवा के लिए उपयोग की जाती है। यह व्यवस्था दरगाह की परंपराओं और समाज सेवा के कार्यों को सुदृढ़ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रधानमंत्री द्वारा उर्स में भेजी जाती है चादर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हर साल उर्स के मौके पर चादर भेजने की परंपरा 2014 से चली आ रही है। प्रधानमंत्री दिल्ली में दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों को चादर सौंपते हैं, जिसे बाद में दरगाह में पेश किया जाता है। भाजपा नेता और कमेटी के सदस्य इस चादर को दरगाह में चढ़ाते हैं और इसे श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर अजमेर दरगाह में लंगर का यह आयोजन एक अनोखी पहल है, जो धार्मिक सद्भाव और भाईचारे का संदेश देती है। इस आयोजन के जरिए न केवल दरगाह की परंपराओं को नया आयाम मिलेगा, बल्कि प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान और उनके योगदान को भी सराहा जाएगा। दरगाह के इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।