मनीषा शर्मा । तारागढ़ किला, जिसे “गढ़बीठली” भी कहा जाता है, राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक किला है। यह किला अपनी अनोखी वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और आसपास के प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है। बिशप हैबर ने इसे “राजस्थान का जिब्राल्टर” नाम दिया था, जो इस किले की मजबूती और सामरिक महत्व को दर्शाता है।
इतिहास
तारागढ़ किले का निर्माण राजपूत काल के दौरान हुआ था और यह कई राजपूत राजाओं के अधीन रहा। इस किले का इतिहास वीरता और सामरिक रणनीति की कहानियों से भरा हुआ है। माना जाता है कि मुग़ल सम्राट दाराशिकोह ने इस किले में शरण ली थी। तारागढ़ किला विभिन्न आक्रमणों का सामना करते हुए भी आज तक अपने गौरवशाली अतीत को संजोए हुए है।
वास्तुकला
तारागढ़ किले की वास्तुकला राजपूत शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस किले की मोटी दीवारें, ऊँचे बुर्ज, और विशाल दरवाजे इसे एक मजबूत और अजेय किला बनाते हैं। किले के भीतर मीरान साहब की दरगाह, घोड़े की मजार, और नाना साहब का झालरा जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं। किले के मुख्य द्वार पर सुरक्षा के लिए तोपों का प्रबंध भी किया गया था, जो इसकी सैन्य महत्ता को दर्शाता है।
पर्यटन और आकर्षण
आज के समय में, तारागढ़ किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। यहां आने वाले पर्यटक इस किले की ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। किले से आसपास की पहाड़ियों और जंगलों का दृश्य बहुत ही आकर्षक है, जो पर्यटकों को प्रकृति के करीब होने का अनुभव कराता है। इसके अलावा, किले के भीतर स्थित धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक इमारतें भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
संरक्षण और वर्तमान स्थिति
वर्तमान में, तारागढ़ किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है। किले की मरम्मत और देखभाल की जा रही है ताकि इसकी ऐतिहासिक धरोहर को बचाया जा सके। किले के कई हिस्से समय के साथ खंडहर हो चुके हैं, लेकिन फिर भी इसका मूल स्वरूप आज भी सुरक्षित है।
खुलने और बंद होने का समय
ग्रीष्मकाल में किला सुबह 8:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है, जबकि सर्दियों में सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक। भारतीय पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 25 रूपये है, जबकि विदेशियों के लिए 100 रूपये। डिजिटल कैमरा के लिए 50 रूपये और वीडियो कैमरा के लिए 100 रूपये का शुल्क है।
महत्व
तारागढ़ किला राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह किला न केवल राजपूत काल की वीरता और स्थापत्य कला को दर्शाता है, बल्कि यह उस समय की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का भी प्रतीक है। तारागढ़ किला अजमेर जिले का एक अद्वितीय स्थल है, जो राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी यात्रा इतिहास, संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य के प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हो सकती है।