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जहाजपुर में तनावपूर्ण माहौल: महिलाओं का प्रदर्शन और अनिश्चितकालीन बंद

जहाजपुर में तनावपूर्ण माहौल: महिलाओं का प्रदर्शन और अनिश्चितकालीन बंद

शोभना शर्मा,। राजस्थान के भीलवाड़ा से अलग होकर शाहपुरा नया जिला बना, लेकिन इसके प्रमुख कस्बे जहाजपुर में पिछले तीन दिनों से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। 14 सितंबर को राम रेवाड़ी पर हुए पथराव की घटना के बाद शुरू हुआ यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब महिलाएं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गई हैं।

तीसरे दिन भी बाजार बंद

शनिवार को लगातार तीसरे दिन जहाजपुर और आसपास के गांवों के बाजार पूरी तरह बंद रहे। स्थानीय व्यापार मंडलों ने भी इस बंद का समर्थन किया है। कल्याण जी मंदिर के पास ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है।

महिलाओं का पुलिस थाने पर प्रदर्शन

शनिवार को विरोध प्रदर्शन में दर्जनों महिलाएं भी शामिल हुईं। उन्होंने पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। नाराज महिलाओं ने थाने के बाहर चूड़ियां फेंकी और नारेबाजी करते हुए अपनी नाराजगी जताई।

14 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन

ग्रामीणों ने 14 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। इनमें मुख्य मांग यह है कि राम रेवाड़ी जुलूस पर पथराव करने वाले शेष आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। पीतांबर राय न्याय संघर्ष समिति इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही है।

दो दर्जन गांवों में बंद का असर

जहाजपुर कस्बे के अलावा आसपास के करीब दो दर्जन गांवों में भी बाजार बंद रहे। विरोध मार्च के जरिए ग्रामीणों ने अपनी मांगों के प्रति एकजुटता दिखाई।

17 नवंबर को जिला बंद की तैयारी

पीतांबर राय न्याय संघर्ष समिति ने 17 नवंबर को शाहपुरा जिला बंद करने का आह्वान किया है। व्यापारिक संगठनों के साथ बैठकें जारी हैं ताकि अधिक समर्थन जुटाया जा सके।

जलझूलनी एकादशी पर विवाद की शुरुआत

इस विवाद की जड़ 14 सितंबर की घटना है, जब जलझूलनी एकादशी के दौरान राम रेवड़ी जुलूस पर पथराव हुआ था। यह पथराव एक धर्मस्थल के बाहर हुआ, जिसके बाद से कस्बे में तनाव बढ़ गया।

प्रशासन की अपील और ग्रामीणों की नाराजगी

पुलिस प्रशासन ने व्यापारियों और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने और बाजार खोलने की अपील की है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है।

महिलाओं की सक्रिय भागीदारी

इस आंदोलन में पहली बार महिलाओं की सक्रिय भागीदारी देखी गई। उन्होंने कल्याण जी मंदिर से विरोध मार्च निकाला और थाने तक पहुंचकर अपना गुस्सा जाहिर किया।

आंदोलन का असर और भविष्य की योजनाएं

जहाजपुर में यह आंदोलन करीब दो महीने से चल रहा है। अब 17 नवंबर को जिला बंद के आह्वान के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है। पुलिस और प्रशासन द्वारा स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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