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2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था: अमिताभ कांत का दृष्टिकोण

2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था: अमिताभ कांत का दृष्टिकोण

शोभना शर्मा।  नीति आयोग के पूर्व सीईओ और भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत के आर्थिक विकास को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को 2047 तक 30,000 अरब डॉलर (30 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जापान, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों ने आर्थिक सफलता कड़ी मेहनत और अनुशासन के बल पर ही हासिल की है। इसी प्रकार, भारत को भी मजबूत कार्य संस्कृति विकसित करनी होगी।  अमिताभ कांत ने यह विचार बिजनेस स्टैंडर्ड के ‘मंथन शिखर सम्मेलन’ में साझा किए। उन्होंने कहा कि अगर भारत को 4,000 अरब डॉलर की वर्तमान अर्थव्यवस्था से 30,000 अरब डॉलर तक पहुंचना है, तो केवल मनोरंजन और फिल्मी सितारों के विचारों को अपनाकर यह संभव नहीं होगा। इसके लिए भारतीयों को सप्ताह में 80 से 90 घंटे तक काम करने की मानसिकता अपनानी होगी।

अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए कार्य नैतिकता जरूरी

अमिताभ कांत ने कहा कि कुछ लोग कड़ी मेहनत करने के विचार का विरोध कर रहे हैं, लेकिन यह देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने जापान, दक्षिण कोरिया और चीन का उदाहरण देते हुए बताया कि इन देशों ने अपने नागरिकों की मजबूत कार्य संस्कृति और अनुशासन के कारण तेजी से आर्थिक वृद्धि दर्ज की है। भारत को भी इसी मार्ग पर चलकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना होगा।

वर्तमान समय में भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर की है। सरकार और उद्योग जगत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि इसे 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर तक कैसे पहुंचाया जाए। कांत का मानना है कि इसके लिए न केवल निवेश बढ़ाने की जरूरत है, बल्कि कार्य संस्कृति में भी सुधार जरूरी है।

समय पर और उत्कृष्टता के साथ पूरे होने चाहिए प्रोजेक्ट

अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ अपने सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करना सीखना चाहिए। ऐसा करने से ही भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पकड़ मजबूत होगी और अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अनुशासन और कड़ी मेहनत के भीतर व्यक्तिगत भलाई और जीवन संतुलन के लिए भी पर्याप्त समय हो सकता है, लेकिन इसके लिए योजना और कार्य संस्कृति में सुधार जरूरी है।

भारत के आर्थिक विकास के लिए क्या होना चाहिए रोडमैप?

  1. वर्क एथिक्स को मजबूत करना – भारतीयों को कड़ी मेहनत और अनुशासन को अपनाना होगा ताकि अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ सके।

  2. इनोवेशन और टेक्नोलॉजी का उपयोग – डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी नवाचारों को अपनाकर उत्पादन और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना होगा।

  3. इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश – सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों और उत्पादन इकाइयों में भारी निवेश कर अर्थव्यवस्था को गति दी जा सकती है।

  4. ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा – भारतीय कंपनियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार लाना होगा।

  5. समय पर परियोजनाओं का निष्पादन – समय और लागत में वृद्धि किए बिना परियोजनाओं को विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ पूरा करना होगा।

क्या भारत 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है?

भारत के लिए यह लक्ष्य निश्चित रूप से महत्वाकांक्षी है, लेकिन यदि सही नीतियां अपनाई जाएं, कार्य संस्कृति में सुधार किया जाए और औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दी जाए, तो यह संभव हो सकता है। अमिताभ कांत का मानना है कि भारत को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने के लिए कठिन परिश्रम और अनुशासन की जरूरत है। यदि सरकार, उद्योग जगत और नागरिक मिलकर प्रयास करें, तो भारत 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।

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